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Diwali Celebration: इस पंचोत्‍सव पर करें सेहत से दोस्‍ती और इस तरीके से मनाएं सेहत का भी उत्‍सव

पांच दिन के पर्व पर हर दिन स्‍वाद का तड़का भी लगता है और मिठास को तो दौर जैसे खत्‍म ही नहीं होता। नतीजा त्‍योहार खत्‍म होते होते पेट के साथ सेहत की भी बुरी हालत हो जाती है।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sat, 26 Oct 2019 08:51 AM (IST)Updated: Sat, 26 Oct 2019 08:51 AM (IST)
Diwali Celebration: इस पंचोत्‍सव पर करें सेहत से दोस्‍ती और इस तरीके से मनाएं सेहत का भी उत्‍सव
Diwali Celebration: इस पंचोत्‍सव पर करें सेहत से दोस्‍ती और इस तरीके से मनाएं सेहत का भी उत्‍सव

आगरा, तनु गुप्‍ता। पटाखे, पकवान और पंचोत्‍सव। तीनों का मेल और सेहत हो जाती है दरकिनार। त्‍योहार जीवन को उल्‍लासित रंगों सींचते हैं लेकिन खानपान की अनदेखी इन रंगों को बेरंगी बना सकती है। पांच दिन के पर्व पर हर दिन स्‍वाद का तड़का भी लगता है और मिठास को तो दौर जैसे खत्‍म ही नहीं होता। नतीजा त्‍योहार खत्‍म होते होते पेट के साथ सेहत की भी बुरी हालत हो जाती है। रोशनी के पर्व पर सेहत की भी रोशनी बरकरार रखने के उपाए जानने के लिए जागरण डॉट कॉम ने डायटिशियन आकांक्षा गुप्‍ता से बाती की। उनका कहना था कि त्‍योहार पर पकवान और मिठाइयां कई दफा जरूरी हो जाती हैं। दूसरों को खाते देख हम खुद को रोक नहीं पाते और अपच, कब्ज, वजन बढऩा, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल स्तर का बिगडऩा, हार्ट बर्न, मुंहासे, सूजन जैसी परेशानियों से घिर जाते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्‍योंकि हम उचित आहार के महत्‍व को नहीं जानते हैं। यदि एक बार हम खुद इस महत्‍व को समझ लेंगे तो सेहत से खुद भी दोस्‍ती कर लेंगे और अपनों की भी करवाएंगे।

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मेहमानों को परोंसे फल और मेवा

डायटिशियन आकांक्षा के अनुसार इस दीवाली मेवा और फलों से अपने दोस्तों और रिश्तेदारों की मेहमाननवाजी करें। इनमें चिकनाई भी नहीं होती और ज्यादा दिनों तक इनका इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

जो भी बनाएं हो सेहतमंद

सेहतमंद सामग्री और सेहतमंद भोजन पकाने के तरीके के साथ तैयार मिठाई अगर संयमित मात्रा में खाई जाए, तो ये आपके वजन, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल के लेवल को सीमा के भीतर रखेगी। मैदा, चावल का आटा, सूजी के जगह साबुत गेहूं, बाजरा, ज्वार, कुट्टू जैसे साबुत अनाज और रागी, राजगीरा जैसे पौष्टिक अनाजों से मिठाई तैयार करें। बेसन के बदले सोयाबीन और दाल का प्रयोग करें। ओमगा-3 फैटी एसिड और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्वों के लाभ प्राप्त करने के लिए बादाम, अखरोट, अलसी, सूरजमुखी के बीज, कद्दू के बीज, तिल के बीज को सीमित मात्रा में भोजन में शामिल करें। चीनी की जगह खजूर, काली किशमिश, गुड़ और अंजीर का प्रयोग किया जा सकता है, जिसमें पौष्टिक लाभ है। चीनी सिर्फ कैलोरी प्रदान करती है। इसमें कोई पोषक तत्व नहीं होता और अतिरिक्त खपत से वजन बढ़ सकता है। घी और मक्खन को लेना कम कर दें। डीप फ्राइंग के बजाय स्टीमिंग, बेकिंग या रोस्टिंग जैसे टिप्स अपनाएं। मिठाई या खीर तैयार करने के लिए, होल फैट वाले दूध की बजाय टोन्ड या स्किम्ड दूध का उपयोग करें। फैट की अधिक मात्रा वाले खोवा और नारियल के बजाय पनीर (टोन्ड दूध के साथ घर पर तैयार) के साथ मिठाई भी तैयार की जा सकती है।

अध‍िक फैट का कर न लें सेवन

अधिक चिकनाई और मीठे से भरी मिठाई का अधिक सेवन डाइजेशन को प्रभावित कर सकता है। ज्‍यादा मिठाई और ऑयली फूड खाने से हाइपरएसिडिटी हो सकती है। हाई कैलोरी वाली मिठाई और स्नैक्स को कम मात्रा में खाएं। दिन में थोड़ा- थोड़ा 4-5 बार खाएं, ताकि आप असमय खाने की तरह महसूस न करें और फाइबर रिच फूड (साबुत अनाज, साबुत दालें, साबुत फल, सलाद और पत्तेदार सब्जियां) खाएं। इससे आपको मिठाई से दूर रहने में मदद मिलेगी। अल्कोहल को प्रतिबंधित करें क्योंकि यह केवल कैलोरी प्रदान करता है जिससे कैलोरी जुड़ती है और वजन बढ़ जाता है।

खुद रखें हाइड्रेटेड

आकांक्षा कहती हैं कि बॉडी से टॉक्सिन को बाहर निकालने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जरूरी होता है। पानी स्वभाविक रूप से भूख को दबा देता है और बॉडी में जमा फैट के चयापचय में मदद करता है। पानी लिम्फ के उत्पादन में मदद करता है जिसमें व्हाइट ब्लड सेल और अन्य प्रतिरक्षा कोशिकाएं होती हैं, जो संक्रमण से लडऩे में शरीर की मदद करती हैं। शरीर के जरिए बहने वाली पानी की अपर्याप्त मात्रा के साथ, ये विषाक्त पदार्थ शरीर में बन सकते हैं और त्वचा के छिद्रों से बच सकते हैं, जिससे मुंहासे हो सकते हैं। पानी भी आंखों के नीचे डार्क सर्कल को रोकने में मदद करेगा और त्वचा को उचित हाइड्रेशन प्रदान करके पूरक बनाएगा। सामान्य कार्य करने के लिए प्रतिदिन 8-10 गिलास पानी का उपभोग करने की सलाह दी जाती है। प्यास लगने की प्रतीक्षा न करें लिक्विड्स लेते रहें लेकिन सही प्रकार के तरल पदार्थ पीना महत्वपूर्ण है। कैफीन (कोला, कॉफी, चाय) जैसे डिहाइड्रेटेड फूड्स और ड्रिंक्स से बचें। इसके बजाय नारियल का पानी, कोकम जूस, ताजा नींबू का रस, कम फैट वाला दूध और दूध उत्पादों से बने पेय पदार्थ लें, जिनमें या तो शक्कर न हो या सीमित मात्रा में हो।

क्‍या खाएं- क्‍या न खाएं

भोजन और स्नैक्स में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट का संयोजन ब्लड ग्लूकोज लेवल पर बेहतर नियंत्रण पैदा कर सकता है और आपके मेटोबॉलिज्म को बढ़ावा देता है। कार्बोहाइड्रेट के साथ प्रोटीन ग्रुप को चुनें, जैसे साबुत अनाज (दलिया, ओट्स, मुसली, बाजरा, ज्वार, होल व्हीट आटा, रागी) के साथ कार्बोहाइड्रेट यानी दूध, दही, मक्खन को चुनें। पौधे वाले प्रोटीन कुछ एमिनो एसिड की कम मात्रा के कारण अच्छी गुणवत्ता वाले नहीं होते। हालांकि, अनाज और दालों का संयोजन अधिकांश एमिनो एसिड और बेहतर गुणवत्ता वाले प्रोटीन प्रदान करता है। सीरियल्स विटामिन-बी, फाइबर और आयरन प्रदान करता है। दूध प्रोटीन, विटामिन-बी, फॉस्फोरस, पोटेशियम और कैल्शियम प्रदान करता है। फाइबर आपके पाचन तंत्र को नियमित रूप से काम करने में मदद करता है। प्रोटीन और फाइबर आपकी भूख को संतुष्ट करते हैं और आप लंबे समय तक भरा पेट महसूस करते हैं। शुगर वाले सीरियल्स (जैसे मैदा और मकई का आटा), सिरप, पेस्ट्री और सफेद रोटी से दूर रहें क्योंकि ये जल्दी पच जाते हैं और यह कुछ ही घंटे में आपको भूखा कर देंगे और थकावट ला देंगे, जिससे आखिर में आपको अधिक खाना होगा। कई अध्ययनों से पता चलता है कि जब लोग कुछ और ज्यादा खाते हैं तो उनका बॉडी फैट अधिक संचित होता है बजाय इसके जब वे कम, बार-बार भोजन में समान कैलोरीज लेते हैं।

एक्‍सरसाइज करना न करें बंद

त्योहार के मौसम के बाद ज्यादा सेवन के बुरे प्रभावों से बचने और अस्वास्थ्यकर मिठाई खाने से रोकने और अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए, फल और सब्जियों पर ध्यान दें। उनमें से अधिकांश में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं और इस प्रकार हमारे शरीर को हानिकारक फ्री रेडिकल्स सेल्स से नुकसान पहुंचाने से बचाते हैं। उन अतिरिक्त कैलोरी को बर्न करने के लिए एक्सरसाइज करना याद रखें। अगर आप किसी भी बीमारी से पीडि़त नहीं हैं, तो प्रति दिन आधे घंटे तेज चलें, अन्यथा अपने डॉक्टर द्वारा बताए गए फिजिकल एक्सररसाइज का पालन करें। त्योहारी मौसम के बाद बॉडी को डिटॉक्स करने का सबसे अच्छा तरीका है, बहुत सारा पानी पीना और रेगुलर फिजिकल एक्टिविटी के साथ विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट से समृद्ध एक बैलेंस डाइट लेना।

मधुमेह रोगी रखें ध्यान थोड़ा ज्यादा

डायटिशियन आकांक्षा के अनुसार त्योहार के मौसम में मधुमेह रोगी को अधिक ध्यान रखने की जरूरत रहती है। बैलेंस डायट को फोलो करते हुए त्योहार की खुशियों का आनंद ले सकते हैं। त्योहार के दिनों में शुगर लेवल की जांच भी लगातार करते रहें। स्मॉल फ्रीक्वेंट मील लें। जौ का आटा, बाजरे का आटा और रागी के आटे में काफी फाइबर होता है। जो मधुमेह के मरीजों के लिए परफेक्ट है। अगर कुछ चटपटा खाने का मन है तो आप ओट्स का दलिया सब्जियों के साथ बनाकर खा सकते हैं। इससे आपको ना सिर्फ प्रोटीन मिलेगा बल्कि आपको भारी मात्रा में फाइबर भी मिलेगा। पानी की मात्रा अधिक बढ़ा दें। यानि कि इन दिनों दिन में कम से कम 10 से 12 ग्लास पानी पीएं। खाने में सलाद को भी प्राथमिकता दें। मधुमेह रोगियों के लिए बाजार में कई शक्कर रहित मिठाइयां मिलती हैं। इसके अलावा आप कम वसा वाली मिठाइयां चुनें जैसे गुलाब जामुन की बजाय रसगुल्ला खाएं। संदेश और पेड़ा भी खा सकते हैं। नमकीन और तीखे में घर की बनीं मठरी, शक्करपाली, चकली, कचौरियां आदि खाएं। इनमें आटे के साथ बाजरा, रागी, सोयाबीन का आटा मिला सकते हैं। इन नमकीनों में आप हरी पत्तियों की सब्जियां जैसे मेथी, पालक, धनिया आदि मिला सकते हैं। 


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