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बदलाव का असर: Online के बढ़ते हाथों ने खाली कर दिए offline बाजार के गल्‍ले Agra News

ऑनलाइन कंपनियों के विरोध में अब खड़े हुए शहर के मोबाइल विक्रेता। बनाई एसोसिएशन। कंपनियों को भेजा पत्र नहीं करेंगे ब्रांडिंग।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Mon, 21 Oct 2019 01:30 PM (IST)Updated: Mon, 21 Oct 2019 01:30 PM (IST)
बदलाव का असर: Online के बढ़ते हाथों ने खाली कर दिए offline बाजार के गल्‍ले Agra News
बदलाव का असर: Online के बढ़ते हाथों ने खाली कर दिए offline बाजार के गल्‍ले Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। ऑनलाइन और ऑफलाइन बाजार में जंग छिड़ चुकी है। ग्राहकों की जेबों में ऑनलाइन के बढ़ते हाथों ने ऑफलाइन बाजार के गल्ले खाली कर दिए हैं। पहले शहर के इलेक्ट्रोनिक बाजार ने विरोध जताया तो अब मोबाइल बाजार भी ऑनलाइन शॉपिंग के विरोध में खड़ा हो गया है। कंपनियों की ब्रांडिंग को लोकल स्तर पर न करने का संकल्प भी ले लिया गया है।

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दीपावली नजदीक है। यही समय होता है जब व्यापारी अपने पूरे साल का फायदा निकाल लेता है। लेकिन, ऑनलाइन शॉपिंग के प्रति लोगों की बढ़ती दीवानगी ने दुकानदारों के लिए चिंता की खाई खोद दी है। बाजार सुनसान हैं। लोग घरों में बैठकर ही पसंद का हर सामान ऑर्डर कर रहे हैं। फिर वो चाहे कपड़े हों या एसी। इसके पीछे प्रमुख वजह ऑनलाइन स्तर पर मिल रही छूट भी है। 50 फीसद से ज्यादा डिस्काउंट के कारण लोग अब बाजारों में जाकर खरीदारी करना ही नहीं चाहते। इससे दुकानदारों को सामान बिक्री नहीं हो रहा है।

लोकल मोबाइल विक्रेता हुए एकजुट

दीपावली पर सबसे ज्यादा खरीदारी की उम्मीद की जाती है, लेकिन इस बार मार्केट बहुत ज्यादा ठंडा है। ऑनलाइन बिक्री ने सबके सपनों को तोड़ दिया है। आगरा मोबाइल रिटेल एसोसिएशन नाम से बनी संस्था अब इन ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ एकजुट हो चुकी है। इस एसोसिएशन में शहर के लगभग 350 से ज्यादा दुकानदार जुड़े हैं।

हमें नहीं मिलता डिस्काउंट

एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी योगेश मित्तल बताते हैं कि कंपनियां हमें महंगे उत्पाद देती हैं। इन ई-कॉमर्स को जिन कीमतों में मोबाइल उपलब्ध कराए जा रहे हैं, हमें उनसे 12-13 फीसद महंगे दिए जाते हैं। ऑनलाइन मिलने वाले मोबाइल की कीमत अगर 5500 रुपये है तो वही मोबाइल हमें 6500 का कंपनी से मिलेगा। इस कीमत में हम अपना मार्जिन भी जोड़ते हैं तो वो ग्राहकों को महंगा मिलता है। हम कंपनियों से मांग कर रहे हैं कि हमें भी उतनी ही कीमतों में मोबाइल उपलब्ध कराए जाएं।

कुछ मॉडल ऑनलाइन ही उपलब्ध

मोबाइल कंपनियां अपने कुछ मॉडल्स सिर्फ इन ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए ही बनाती हैं। किसी मोबाइल के अगर 15 मॉडल उपलब्ध हैं, तो उसमें से तीन सिर्फ ऑनलाइन मार्केट में ही मिलेंगे।

कीमतों में भारी अंतर

ऑनलाइन मिलने वाले मोबाइल और ऑफलाइन मिलने वाले मोबाइल की कीमतों में भारी अंतर है। यही अंतर ग्राहकों को ऑनलाइन की तरफ भेज रहा है। आइफोन 11 की कीमत ऑनलाइन 59 हजार रुपये है तो रिटेल में यही मोबाइल 65 हजार का मिल रहा है। यही हाल एमआइ और रियलमी कंपनियों के मोबाइल का भी है। दोनों के ऑनलाइन और ऑफलाइन कीमतों में 12-13 फीसद का अंतर है।

दुकानदार नहीं करेंगे ब्रांडिग

एसोसिएशन के सचिव मोनल सेठी ने बताया कि बाजार खत्म हो चुका है। कनागतों से कम सेल हो रही है। हर महीने फीसद बढ़ता जा रहा है। तय किया है कि कंपनियां हमारी बात नहीं सुनेंगी तो हम उनकी ब्रांडिंग नहीं करेंगे। शहर में मोबाइल के 60 बड़े शोरूम हैं तो 300 छोटी दुकानें हैं।

ई-कॉमर्स कंपनियों का खेल

ऑनलाइन सामान बेचने वाली कंपनियों को ई-कॉमर्स कंपनियां कहा जाता है। इनमें एमेजॉन, फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, मिंत्र आदि शामिल हैं। भारत में ऑनलाइन शॉ¨पग करने वालों की संख्या 15 करोड़ से ज्यादा है और 50 से ज्यादा ई कॉमर्स कंपनियां सक्रिय हैं। यह ई-कॉमर्स कंपनियां उत्पादकों से सीधा डील करती हैं और माल उठाती हैं। मैन्यूफैक्चर्स कम दामों में इन कंपनियां को माल उपलब्ध करा देते हैं, जिससे ग्राहकों को हैवी डिस्काउंट मिल जाता है।

दुकानदारों को हो रहा नुकसान

ऑनलाइन कंपनियों की छूट के कारण रिटेलर्स को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। द कंफीड्रेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआइटी) के अनुसार ऑनलाइन डिस्काउंट के कारण छोटे दुकानदारों को 30-40 फीसद का घाटा हर महीने हो रहा है। कई दुकानदार अपना धंधा बंद करने की योजना बना रहे हैं।

ऑनलाइन हजारों करोड़ की बिक्री

पिछले कुछ सालों जितनी तेजी से ऑनलाइन बाजार ने अपनी पैठ बनाई है, उसे देखते हुए फिक्की ने अनुमान लगाया है कि 2021 तक पांच लाख 21 हजार करोड़ रुपये का कारोबार करेंगी यह कंपनियां। अभी हाल में ही इन कंपनियों ने फेस्टिव सीजन में 19 हजार करोड़ रुपये का सामान छह दिन में बेचा। इसकी वजह से ऑफलाइन बाजार हल्का पड़ गया।


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