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नौकरियों के ऑफलाइन भर्ती विज्ञापन बने ठगी के हथियार

शातिरों ने नौकरियों के ऑफलाइन भर्ती विज्ञापनों को ठगी कर रहे हैं

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Sep 2019 08:00 AM (IST)Updated: Thu, 26 Sep 2019 06:24 AM (IST)
नौकरियों के ऑफलाइन भर्ती विज्ञापन बने ठगी के हथियार
नौकरियों के ऑफलाइन भर्ती विज्ञापन बने ठगी के हथियार

आगरा, जागरण संवाददाता, शातिरों ने नौकरियों के ऑफलाइन भर्ती विज्ञापनों को ठगी के हथियार के रूप में प्रयोग कर रहे हैं। रोजगार देने के नाम पर बाजार में फार्म बेचकर बेरोजगारों पर जाल फेंकते हैं। युवक के आवेदन करने के बाद उससे वसूली का खेल शुरू हो जाता है। कमला नगर के एक युवक इसी गैंग का शिकार होने से बच गया।

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कमला नगर निवासी चिराग जैन ने आठ महीने पहले राजामंडी से ग्रामीण विकास रोजगार योजना का फार्म खरीदा। इसमें कई राज्यों में विभिन्न पदों पर भर्ती निकाली गई थी। चिराग के अनुसार उन्होंने कार्यालय लिपिक के पद पर आवेदन करते हुए फार्म को भेज दिया। एक सप्ताह पहले उनके पास कंपनी की ओर से पत्र आया। कंपनी ने उनका चयन होने की जानकारी दी गई। उनको प्रशिक्षण के बाद तैनाती देने की कहा गया। जरूरी प्रमाण पत्रों के साथ ही उनसे 4,660 रुपये का बैंक ड्राफ्ट मांगा गया।

कंपनी द्वारा बिना किसी परीक्षा के उनका चयन करने पर शक हुआ। कंपनी द्वारा कार्यालय का पता दिल्ली के कालकाजी स्थित गोविंदपुरी का दिया गया था। चिराग के एक परिचित कालकाजी में रहते हैं। उन्होंने कंपनी द्वारा फार्म में दिए गए गोविंदपुरी के पते पर परिचित को भेजा। वहां एक परिवार रहता मिला। परिचित द्वारा पूछताछ करने पर उसने किसी कंपनी का कार्यालय होने से मना किया। कोठी में रहने वाले परिवार ने बताया कि एक सप्ताह के दौरान दर्जनों लोग वहां आ चुके हैं। समय रहते सतर्कता बरतने से चिराग धोखाधड़ी का शिकार होने से बच गए। थोक में दे जाते हैं फार्म

सरकारी नौकरी वाले विज्ञापन के फार्म दुकानदार को खरीदने पड़ते हैं। मगर, प्रशिक्षण वाले फार्म संबंधित कंपनी वाले खुद ही थोक में दे जाते है। उन्हें दुकानदारों को उपलब्ध कराते हैं। एक दुकानदार का कहना था कि हजारों की संख्या में पदों की रिक्तियां देखकर युवाओं को खुद की समझ जाना चाहिए कि कुछ गड़बड़ है। ऐसी नौकरियों के लिए आवेदन करने से पहले कंपनी द्वारा दिए गए पते आदि की पूरी छानबीन और तस्दीक कर लेनी चाहिए।

प्रशिक्षण वाले फार्म में होता है धोखा

राजामंडी बाजार में फार्म बेचने वाले एक दुकानदार का कहना था कि बाजार में दो तरह के फार्म मिलते हैं। एक सरकारी नौकरी के लिए, दूसरा विभिन्न संस्थाओं आदि द्वारा प्रशिक्षण के लिए। युवाओं द्वारा आवेदन पत्र खरीदते समय वह उसे बता देते हैं कि नौकरी एवं प्रशिक्षण के फार्म अलग-अलग हैं। बेरोजगार युवा सबसे ज्यादा धोखे के शिकार प्रशिक्षण वाले फार्म में होते हैं।


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