Krishna Janmbhoomi Case: श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामलेे में ईदगाह कमेटी की आपत्ति, वाद चलने लायक नहीं
प्रतिवादी का तर्क प्रकीर्ण वाद के खारिज होने पर नहीं हो सकती अपील। आपत्ति के निस्तारण को 11 जनवरी की तय हुई तारीख। प्रतिवादी शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के प्रतिनिधि भी पहुंचे।
आगरा, जेएनएन। श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री की ओर से दायर वाद में गुरुवार को जिला जज की अदालत में सुनवाई हुई। करीब एक घंटे तक चली सुनवाई में शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी ने वाद पर आपत्ति दायर करते हुए इसे चलने योग्य नहीं बताया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद जिला जज ने फैसला सुरक्षित कर लिया है। आपत्ति के निस्तारण को 11 जनवरी की तारीख तय की गई है।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में श्रीकृष्ण विराजमान व लखनऊ निवासी अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री समेत आठ वादियोंं ने 25 सितंबर,2020 को सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में वाद दायर किया था। यहां से 30 सितंबर को वाद खारिज होने के बाद वादी पक्ष ने जिला जज की अदालत में अपील की। गुरुवार को मामले में सुनवाई के लिए सुबह वादी रंजना अग्निहोत्री अपने अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन और हरिशंकर जैन के साथ कोर्ट पहुंचीं। प्रतिवादी शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी, श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के प्रतिनिधि भी पहुंचे। दोपहर दो बजे शुरू हुई सुनवाई करीब एक घंटे तक चली।
कोर्ट में वादी-प्रतिवादी पक्ष का कथन
शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी की ओर से अधिवक्ता नीरज शर्मा ने कोर्ट में कहा कि सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में मामला प्रकीर्ण वाद के रूप में दर्ज किया गया था। रेगुलर वाद के रूप में दर्ज होने से पहले ही सिविल जज ने उसे खारिज कर दिया। ऐसे में वादी को जिला जज की अदालत में अपील का अधिकार नहीं है। ऐसे में ये वाद आगे चलने लायक नहीं है। वादी पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि हमने सारे नियमों का पालन कर ही अपील दायर की है।
शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी की ओर से दाखिल की गई आपत्ति के निस्तारण के लिए 11 जनवरी की तारीख तय की गई है।
शिवराम सिंह, जिला शासकीय अधिवक्ता
ये है मामला
दायर किए गए वाद में वादी रंजना अग्निहोत्री समेत आठ लोगों ने कहा है शाही मस्जिद ईदगाह श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की जमीन पर बनी है। वर्ष 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी के बीच समझौता हुआ था। जबकि जिस जमीन का समझौता हुआ वह श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की है। ऐसे में समझौता अवैध है और उसे रद कर पूरी 13.37 एकड़ जमीन ट्रस्ट को दी जाए। इस मामले में अदालत ने चारों प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया था।