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प्रदूषण के कारक नहीं बनेंगे हानिकारक, अगर अपनाएंगे समय रहते ये उपाए Agra News

एकता मनोरंजन क्लब और वैलनेस क्लब की कार्यशाला में डॉ एनके सिन्हा और आहार विशेषज्ञ मनोज वर्मा ने दिए प्रदूषण से बचाव के टिप्स।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 03:24 PM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 03:24 PM (IST)
प्रदूषण के कारक नहीं बनेंगे हानिकारक, अगर अपनाएंगे समय रहते ये उपाए Agra News
प्रदूषण के कारक नहीं बनेंगे हानिकारक, अगर अपनाएंगे समय रहते ये उपाए Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। जितनी जरूरत प्रदूषण के प्रति जागरूक होने की है उतनी ही जरूरत प्रदूषण से बचाव की भी है। हर तरफ प्रदूषण का काला साया तो दिख रहा है लेकिन बचाव के उपाय कम ही सूझ रहे हैं। सिर्फ चेहरे पर मास्क लगाना काफी नहीं है। हमारे फेफड़ों को भी जरूरत है ऐसे मास्क की जो प्रदूषण से होने वाली बीमारियों को रोकने में कारगर साबित हो। यह कवच है हमारी दैनिक दिनचर्या के साथ-साथ खानपान की आदतों में थोड़ा बदलाव। प्रदूषण से बचाव विषय पर एकता मनोरंजन क्लब ने वैलनेस ग्रुप के सहयोग से हिट इंडिया फिट इंडिया के अंतर्गत कार्यशाला रखी।

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कमला नगर के जी होटल में हुई कार्यशाला के मुख्य वक्ता गोरखपुर से आए सेल्युलर न्यूट्रीशियनिस्ट डॉ एनके सिन्हा और न्यूट्रीशन एक्सपर्ट मनोज वर्मा थे। अध्यक्ष कुसुम मिड्ढा ने वक्ताओं का स्वागत किया। कार्यशाला में डॉ एनके सिन्हा ने खानपान में थोड़े से परिवर्तन से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के उपाय सुझाए। उन्होंने कहा कि किसी भी बीमारी के शिकार हम तभी होते हैं जब हमारे शरीर में छुपा डॉक्टर निष्क्रिय हो जाता है। यह डॉक्टर कोई और नहीं बल्कि हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता ही है। यदि इसको हर परिस्थिति में सक्रिय और खुद को चुस्त-दुरुस्त रखना है तो हमें ऐसे खाद्य पदार्थों की जरूरत है जो न्यूट्रीशन से भरपूर हों। दूषित हवा से बचाव के लिए साइट्रिक एसिड वाले फलों का सेवन हर व्यक्ति को इस वक्त बढ़ा देना चाहिए। विभिन्न प्रकार की बैरी, संतरे, आंवला आदि का रस हमारे शरीर को ऑक्सीजन से भरपूर रखता है। लेकिन अफसोस बात है कि आज के समय में हमारे यह फल और खाद्य पदार्थ प्रदूषित हो गए हैं। पेस्टिसाइड्स और केमिकल्स के चलते। अतः यह शोध का विषय है कि पूरक आहार के ऊपर कौन सी चीजें ऐसी हैं जो कि हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बचा सके और बढ़ा सके।

आहार विशेषज्ञ मनोज वर्मा ने कहा कि फेफड़ों को साफ करने में गुड़ बहुत फायदेमंद है। इसमें मौजूद आयरन हमारी धमनियों को भी साफ करता है, जिससे ब्लड में ऑक्सीजन की आपूर्ति तेज होती है और श्वास संबंधी दिक्कत कम होती है। रोजाना पांच ग्राम गुड़ का सेवन करना चाहिए।  इस दौरान सदस्यों ने कई प्रश्नों के माध्यम से सेहत संबंधी जानकारी भी ली। कार्यशाला के समापन पर मीडिया प्रबंधक ज्योति डावर ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यशाला में संतोष तनेजा, संध्या कपूर, पिंकी दुग्गल, प्रवेश बत्रा, रितु साहनी, आस्था, भारती, डिंपल, रश्मि, पूनम, प्रमोद आदि ने भाग लिया। 


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