हे राधे, अपनी मथुरा में गायें नजर क्यों नहीं आ रहीं, पशु गणना में आई गिरावट Agra News
वर्ष 2012 में हुई 19वीं पशु गणना में जिले में कुल 226186 लाख थी गायों की संख्या। डेढ़ सैकड़ा गोशाला होने के बावजूद गायों की गिरती संख्या मथुरा के लिए चिंतनीय।
आगरा, चन्द्रशेखर दीक्षित। ब्रज की धरा जहां कान्हा अवतार लेकर गोपालक बने उसी गोपाल की नगरी में गायों की संख्या कम हो रही है। यह आंकड़ा दिन पर दिन घट रहा है। गोपूूूूजन वाली धरती पर गो की संख्या में कमी सोच में डालने वाली है। यह तब है जब सरकार पशुपालन से किसानों की आय दोगुना करने पर जोर दे रही है। योगी सरकार की निगाह ब्रज की गायों को बचाने पर है। ऐसे में गाय ही नहीं अन्य पशुधन भी कम हो रहा है।
सरकार हर पांच साल में पशुगणना कराती है। वर्ष 2019 तक कुल 20 बार पशुओं की गणना हो चुकी है। 2012 में हुई 19वीं गणना में पिछले वर्षों की तुलना में पशुओं की संख्या में इजाफा हुआ था। अब 20वीं गणना में पशुओं की संख्या में काफी गिरावट दर्ज की गई है। यह तब है, जब सरकार पशुपालन पर जोर दे रही है। मोदी मंत्र है कि पशुपालन के बिना किसान की आय दोगुनी नहीं हो सकती। इस मंत्र पर तंत्र काम नहीं कर पा रहा है। मथुरा में डेढ़ सैकड़ा से अधिक गोशाला होने के बाद यह स्थिति है कि ब्रज की गाय की नस्ल ही संकट में है।
पशुधन मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, जिले में पशुओं की संख्या में काफी गिरावट दर्ज की जा रही है। गाय ही नहीं, सूकरों और भैंस की संख्या में भी गिरावट हुई है। भैंस की संख्या में दो लाख से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है। यही हाल भेड़ की संख्या में है। पिछली गणना के मुकाबले करीब 14 हजार की कमी आई है।
आंकड़े
214236 कुल गायों की संख्या
576556 भैंसों की संख्या है जिले में
11950 गाय जिले में हो गईं कम
पशुगणना के आंकड़े शासन को भेज दिए गए थे। वहीं से मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड किया जा रहा है। मंत्रालय ने जिला स्तर के कुछ आंकड़े जारी कर दिए हैं। उनमें गायों की संख्या घट गई है।
- डॉ. भूदेव सिंह, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी मथुरा