अच्छी है खबर, अब शोधार्थी भी बन सकेंगे आंबेडकर विश्वविद्यालय में टीचिंग असिस्टेंट
आगरा के आंबेडकर विवि की वित्त समिति की बैठक में लिया गया निर्णय। नए सत्र से लागू होगा यह निर्णय हर महीने दिए जाएंगे 10 हजार रुपये। इन शोधार्थियों को आवासीय संस्थानों में शिक्षण कार्य करने का मौका दिया जाएगा।
आगरा, जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में विभिन्न विषयों में शोध कर रहे शोधार्थी अब टीचिंग असिस्टेंट बन सकेंगे। इन शोधार्थियों को आवासीय संस्थानों में शिक्षण कार्य करने का मौका दिया जाएगा। यह निर्णय शुक्रवार को हुई वित्त समिति की बैठक में लिया गया। इन टीचिंग असिस्टेंट को हर महीने 10 हजार रुपये भी दिए जाएंगे।
बृहस्पति भवन में आयोजित वित्त समिति की आनलाइन अध्यक्षता कार्यवाहक कुलपति प्रो.विनय कुमार पाठक ने की। बैठक में निर्णय लिया गया कि नए सत्र से टीचिंग असिस्टेंट रखे जाएंगे। आवासीय संस्थानों में इनका कार्यकाल अधिकतम तीन वर्ष के लिए होगा। हर साल टीचिंग असिस्टेंट के कार्य की समीक्षा की जाएगी। इसके बाद उनकी सेवाएं बढ़ाने पर फैसला लिया जाएगा।
हर टीचिंग असिस्टेंट को हफ्ते में 10 से 14 घंटे कक्षाएं लेनी होंगी। इनके वर्क लोड को कम करके ही गेस्ट फैकल्टी की नियुक्ति की जाएगी। यह भी निर्णय लिया गया कि विभिन्न सेल्फ फाइनेंस विभागों में जो भी अतिथि शिक्षक रखे जाएंगे। उनका मानदेय विभाग की आय पर निर्धारित किया जाएगा। संस्थान को हो रही आय का 75 प्रतिशत वेतन पर खर्च होगा, जिसमें 60 प्रतिशत फैकल्टी के वेतन पर और 15 प्रतिशत कर्मचारियों के वेतन पर खर्च होगा।
अतिथि शिक्षकों के मानदेय के निर्धारण के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी में आइक्यूएसी के निदेशक, संबंधित विभाग के विभागाध्यक्ष या फिर संस्थान के निदेशक, डीन अकादमिक और कुलसचिव शामिल होंगे। कमेटी संस्थान के आय और व्यय की समीक्षा करेगी। उसके आधार पर तीन वर्ष की योजना बनायी जाएगी। इसी से अतिथि शिक्षकों का मानदेय तय किया जाएगा।बैठक में प्रति कुलपति प्रो. अजय तनेजा, कुलसचिव संजीव कुमार, वित्त अधिकारी एके सिंह, उच्च शिक्षा अधिकारी डा. रेखा रानी, अरविंद नारायण, डा. दिनेश कुमार उपस्थित रहे।
कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के दिन ही होगा भुगतान
वित्त समिति में फैसला लिया गया कि सेवानिवृत्त होने वाले सभी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के दिन ही सभी भुगतान कर दिए जाएंगे। विश्वविद्यालय की तरफ से दिए जाने उपहार और जलपान के लिए 20 हजार रुपये की धनराशि खर्च की जाएगी।