Kisan Andolan: अब बार्डर पर नहीं जाएगी भाकियू (भानु), जिलों से लड़ी जाएगी नए कृषि कानून के खिलाफ लड़ाई
फीरोजाबाद में हुई सभा में राकेश टिकैत पर बरसे भाकियू (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह। उन्होंने किसानों से कहा जिसे जाना हो वो जाए। उसके साथ-आंदोलन की गलतियां गिनाई बोले लाल किले पर कृत्य करने वाले आतंकी।
आगरा, जेएनएन। कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन की राह छोड़ने के तीसरे दिन प्रदेश कार्यालय इमलिया पर आकस्मिक बैठक में पहुंचे भाकियू (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने दो टूक कह दिया कि अब वे बार्डर पर नहीं जाएंगे। टिकैत का साथ कभी नहीं देंगे, उसने उन्हें बदनाम कर दिया है। उन्होंने कहा कि बार्डर से हटने का फैसला सर्वसम्मति से किया था और अब उनके ही लोग गलत बता रहे हैं। यदि किसी को जाना है तो जा सकता है। खास बात यह रही कि बैठक में प्रदेश अध्यक्ष योगेश प्रताप सिंह और उनके समर्थक बैठक में शामिल नहीं हुए।
शुक्रवार को कासगंज में संगठन के राष्ट्रीय महासचिव कुलदीप पांडे के बागी तेवर अपनाने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप ने शनिवार को आकस्मिक बैठक बुलाई। दोपहर लगभग दो बजे नोएडा से सीधे कार्यालय पहुंचे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बगावत करने वालों पर अप्रत्यक्ष तरीके से निशाना साधा। उन्होंने कहा कि दो दिसंबर को हमने चिल्ला बार्डर पर दोनों रास्ते बंद किए थे, लेकिन संगठन वाले नाराज हो गए और राकेश टिकैत के साथ जाने की बात कहने लगे। 26 जनवरी की घटना के बाद बार्डर से हटने के फैसले को सब अच्छा बता रहे थे, अब सब गलत बता रहे हैं। मैं अभी अपने घर नहीं गया हूं जब तक न्याय नहीं मिलेगा मैं किसानों की लड़ाई लड़ता रहूंगा। उन्होंने यह भी कहा कि भानु का मतलब सूर्य होता है जो अकेला रहता है। जिसे जाना हो चला जाए, वे अकेले ही किसानों की लड़ाई लड़ेंगे। कृषि कानून खत्म करवाने के लिए उत्तर प्रदेश में हर जिले पर किसानों की लड़ाई लड़ी जाएगी। सुबह दस से शाम पांच बजे तक धरना होगा। दस दिन में रणनीति घोषित कर दी जाएगी। बैठक में कुलदीप चौहान राष्ट्रीय महासचिव, विनोद कुमार चौहान अलीगढ़, धीरज चौहान मंडल महासचिव अलीगढ़, राजकुमार सिंह, डॉ तरुण शर्मा आगरा राजीव कुमार शर्मा आदि मौजूद रहे। संचालन महासचिव डा. रामगोपाल सिंह ने किया।
टिकैत ने मेरी 40 साल की तपस्या बर्बाद की
लगभग एक घंटे के संबोधन में भानुप्रताप के निशाने पर राकेश टिकैत ही रहे। उन्होंने कहा कि टिकैत ने टिकैत ने मेरी 40 साल की तपस्या को बर्बाद कर दिया इनको दुनिया की कोई भी ताकत बचा नहीं पाएगी और मैं कभी इनका साथ नहीं दूंगा चाहे। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने लाल किले पर घिनौना कृत्य किया है वह लोग किसान नहीं आतंकवादी हैं। कांग्रेस से चुनाव लड़ना चाहते हैं।
राजनाथ सिंंह से की थी मुलाकात, इसलिए किया बदनाम
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि 40 दिन बाद हमने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। उन्होंने कृषि मंत्री के साथ हमारी बात सुनी। हमने कहा था कि जब तक प्रधानमंत्री से बात नहीं करा दोगे हम धरना समाप्त नहीं करेंगे। राकेश टिकैत ने हमारे संगठन को बदनाम किया है। टिकैत के पास आठ सौ करोड़ की संपत्ति है और हम किसान की सेवा में एक बेटे को कुर्बान कर चुके हैं।