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भाजपा विधायक पूरन प्रकाश के खिलाफ गैर जमानती वारंट, चुनाव के दौरान दर्ज हुए थे मुकदमे Agra News

आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मामला। 2007 व 2017 के चुनाव में दर्ज हुए थे मुकदमे।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sat, 30 Nov 2019 06:25 PM (IST)Updated: Sat, 30 Nov 2019 06:25 PM (IST)
भाजपा विधायक पूरन प्रकाश के खिलाफ गैर जमानती वारंट, चुनाव के दौरान दर्ज हुए थे मुकदमे Agra News
भाजपा विधायक पूरन प्रकाश के खिलाफ गैर जमानती वारंट, चुनाव के दौरान दर्ज हुए थे मुकदमे Agra News

आगरा, जेएनएन। एडीजे (11) देवकांत शुक्ला की अदालत ने शनिवार को विधानसभा चुनाव 2007 और 2017 में आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने के मामले में बलदेव विधान सभा क्षेत्र से निर्वाचित भाजपा विधायक पूरन प्रकाश के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए हैं। विधायक अदालत में उपस्थित नहीं हो रहे थे।

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विधानसभा चुनाव 2017 में मथुरा की बलदेव विधान सभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर निर्वाचित पूरन प्रकाश के खिलाफ चुनाव के दौरान रोड शो के दौरान नारेबाजी करने का मुकदमा थाना राया में उडऩदस्ते के प्रभारी विजयेंद्र सिंह ने 9 फरवरी 2017 को दर्ज कराया था।

इसी दिन उडऩदस्ते के प्रभारी संदीप कुमार ने पाया कि बलदेव में पार्टी कार्यालय पर भोजन बनाया जा रहा था और वितरण करने के लिए पैकेट तैयार हो रहे थे। इस मामले की रिपोर्ट थाना बलदेव में दर्ज कराई गई थी। इससे पहले 31 जनवरी को भी बलदेव में भोजन बनवाने का मामला विधायक के खिलाफ दर्ज हुआ था। 22 जनवरी 2017 को राया के मुंशीलाल मार्केट में एक सैकड़ा लोगों की चुनावी सभा बगैर अनुमति के किए जाने के मामले में भी रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इसमें तत्कालीन जिलाध्यक्ष व वर्तमान में कोऑपरेटिव के चेयरमैन तेजवीर सिंह, पूर्व विधायक सत्यवीर सिंह, मुकेश पाठक, ललित मोहन गुप्ता, संजय दीक्षित समेत अन्य के नाम भी शामिल थे। वर्ष 2007 में विधान सभा क्षेत्र गोवर्धन से रालोद के टिकट पर पूरन प्रकाश ने चुनाव लड़ा था। आरोप था कि आन्यौर गांव के स्कूल और सार्वजनिक स्थल पर पोस्टर चस्पा करवा कर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया गया था। इस मामले में एडीजे (11) की अदालत में उपस्थित नहीं होने पर कोर्ट ने भाजपा विधायक पूरन प्रकाश के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिए हैं। एडीजीसी ऊधम ङ्क्षसह ने भी इसकी पुष्टि की है। वहीं विधायक का कहना है कि पहले एमपी-एमएलए का कोर्ट इलाहाबाद में था। उन्होंने इन मामलों में जमानत करा ली थी। इलाहाबाद से फाइल यहां ट्रांसफर होकर आई होगी और उसके संबंध में उनको कोई समन नहीं मिला है। वह कोर्ट के आदेश का अनुपालन करेंगे।


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