आगरा महायोजना-2021 में सिकंदरा क्षेत्र में बटोरा पैसा, काम नहीं कराया एडीए ने कोई
जोन-दो में है शामिल 2040 रुपये प्रति वर्ग मीटर है ईडीसी। न बना जोनल प्लान और न ही क्षेत्रीय पार्क। गणपति क्लासिक सहित अन्य बिल्डिंगों का 40 करोड़ रुपये जमा हुआ है। आगरा महायोजना-2021 एडीए ने वर्ष 2006 में लागू की थी। न सड़क बनाई और ना ही नाली।
आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) भले ही आगरा महायोजना-2031 की प्लानिंग में जुटा हो लेकिन 15 साल पूर्व लागू हुए महायोजना-2021 में सिकंदरा क्षेत्र में कोई कार्य नहीं हुआ है। सिकंदरा क्षेत्र जोन-दो में शामिल है। इसके चलते अलग से जोनल प्लान बनना था। क्षेत्रीय पार्क से लेकर अन्य विकास कार्य होने थे लेकिन एडीए अफसरों की लचर कार्यशैली के चलते एक भी कार्य नहीं हुआ है। आठ से दस शिकायतों के बाद भी अफसरों ने कोई ध्यान नहीं दिया जबकि एडीए द्वारा वर्तमान में 2040 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से वाह्य विकास शुल्क (ईडीसी) लिया जा रहा है। गणपति क्लासिक सहित अन्य बिल्डिंगों का 40 करोड़ रुपये जमा हुआ है। आगरा महायोजना-2021 एडीए ने वर्ष 2006 में लागू की थी। महायोजना के तहत शहर को सात जोन में बांटा गया था। इसमें जोन-दो सिकंदरा भी शामिल था। नेशनल हाईवे-19 पर 124 हेक्टेअर में क्षेत्रीय पार्क विकसित होना था। यह रुनकता से सिकंदरा के बीच होना था। हाईवे के आसपास 175 हेक्टेअर जमीन पर मनोरंजन पार्क को विकसित किया जाना था जबकि सिकंदरा क्षेत्र में दस साल के भीतर 40 करोड़ रुपये का वाह्य विकास शुल्क जमा हुआ है। अगर भवनों का भी शुल्क शामिल कर लिया जाए तो यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। इतना अधिक शुल्क मिलने के बाद भी एडीए ने एक भी रोड का निर्माण नहीं किया है। यहां तक नाली और नाला भी नहीं बनाया गया है। स्ट्रीट लाइट भी नहीं लगाई गई है।
- सिकंदरा क्षेत्र में जिस तरीके से विकास कार्य एडीए को कराने चाहिए। वह नहीं किए गए हैं। एडीए अफसरों ने जनता से छल किया है।
गनेश, क्षेत्रीय निवासी
- एडीए ने वाह्य विकास शुल्क जमा कराया लेकिन जो विकास कार्य कराए जाने थे। उन पर अफसरों ने कोई ध्यान नहीं दिया।
जुबेर आलम, क्षेत्रीय निवासी
- सिकंदरा क्षेत्र में जिस तरीके से विकास कार्य होने चाहिए। उसका आज तक प्रस्ताव तैयार नहीं हुआ है। रोड और गलियां टूटी पड़ी हैं।
शैलेंद्र सिंह, क्षेत्रीय निवासी