आश्रय स्थल फुल, सड़क पर उससे कहीं ज्यादा भटक रहा गोवंश Agra News
17 आश्रय स्थलों में 4555 गोवंश को मिला सहारा। जगह नहीं होने से 100 सांड़ लौटाए गए।
आगरा, जागरण संवाददाता। बेसहारा गोवंश को आश्रय देने की व्यवस्था फिलहाल धड़ाम होती जा रही है। आश्रय स्थल पर गोवंश इतने हैं कि वह हाउसफुल हो गए हैं। ऐसे में सड़कों पर गोवंश भटक रहा है। बुधवार को 100 सांड़ बाईंपुर आश्रय स्थल में जगह न होने के कारण लौटा दिए गए।
बेसहारा गोवंश की व्यवस्था करना अब अधिकारियों के लिए मुश्किल खड़ी कर रही है। सरकार के आदेश पर बीते दिनों शहर से लेकर ग्र्रामीण क्षेत्रों तक गोवंश के लिए आश्रय स्थल बनाए। अभी 17 आश्रय स्थल सरकारी कागजों में संचालित हो रहे हैं। लगातार ग्र्रामीण इलाकों से आ रहे गोवंश के कारण इनमें क्षमता से अधिक गोवंश हो गए हैं। ऐसे में अब गोवंश रखने की जगह नहीं बची है। अधिकारियों ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। पहले सड़कों पर घूम रहे गोवंश को भी पकड़कर यहां लाया जाता था। अब अफसर उन पर भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। हाल ये है कि सड़कों पर घूम रहे गोवंश राहगीरों के लिए मुसीबत बन गए हैं। पशु पालन विभाग का कहना है कि वर्तमान में संचालित हो रहे 17 आश्रय स्थलों में बुधवार को 4555 गोवंश थे। अब इससे ज्यादा गोवंश यहां रखेंगे, तो उन्हें दिक्कत होगी। ऐसे में अफसरों ने अधिक गोवंश यहां रखने से हाथ खड़े कर दिए। बुधवार को एत्मादपुर क्षेत्र से करीब 100 सांड़ बाईंपुर स्थित आश्रय स्थल पहुंचे, लेकिन अफसरों से लेने से मना कर दिया। उन्हें ग्र्रामीण इलाकों में ले जाया गया।
बाउंड्रीवाल के लिए पैसा नहीं
14 आश्रय स्थल और बनने हैं। इन आश्रय स्थलों में बाउंड्रीवाल के लिए पैसा नहीं है। इन आश्रय स्थलों के चारों ओर खाई खोदी जानी है। बारिश में खाई में पानी भरने और फिर उसमें गिरकर गोवंश के मरने की आशंका में अफसर खाई खोदने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। फिलहाल बाउंड्रीवाल का इंतजाम यहां कैसे किया जाए, इस पर मंथन किया जा रहा है।
ग्र्रामीण भी छोड़ रहे गोवंश
पहले गोवंश को काटे जाने का डर था। ऐसे में ग्र्रामीण उन्हें कम छोड़ते थे, लेकिन जब से आश्रय स्थलों की व्यवस्था हुई है, तब से ग्र्रामीण आश्रय स्थल पहुंचाने के लिए अपने गोवंश भी खुले में छोड़ रहे हैं।
आश्रय स्थल पूरी तरह भर चुके हैं। नए बनने वाले आश्रय स्थलों का निर्माण जल्द शुरू करने की बात चल रही है। जल्द इस पर काम होगा।
डॉ. एके दौनेरिया, सीवीओ
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