सौ किलो से ज्यादा निकलता कूड़ा पर निस्तारण को नहीं लगाया प्लांट Agra News
एनजीटी के आदेश पर नगर निगम प्रशासन ने 2407 प्रतिष्ठानों को जारी किया फाइनल नोटिस। 20 फीसद प्रतिष्ठानों की तरफ से ही दिया गया था कूड़ा निस्तारण का आश्वासन।
आगरा, जागरण संवाददाता। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के बाद भी सौ किलोग्राम से ज्यादा कूड़ा निस्तारित करने वाले प्रतिष्ठानों पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। इन प्रतिष्ठानों को कूड़ा निस्तारण के लिए खुद ही प्लांट लगाना था लेकिन सिर्फ बीस फीसद ने व्यवस्था करने का आश्वासन दिया है। नगर निगम प्रशासन ने 2407 बल्क वेस्ट जेनरेटरों (हर दिन सौ किग्रा कूड़ा उत्सर्जित करने वालों को) को फाइनल नोटिस जारी किया है।
एनजीटी ने होटल, रेस्टोरेंट, मैरिज होम, हाउसिंग सोसाइटी, अस्पतालों को बल्क वेस्ट जेनरेटर (सौ किग्र्रा से अधिक कूड़ा उत्सर्जित करने वालों) की श्रेणी में रखा है। इन प्रतिष्ठानों से कोई भी निगम कर्मी इन कूड़ा नहीं लेगा। इन्हें कूड़े का निस्तारण खुद करना होगा। अगर यह प्लांट नहीं लगा सकते हैं तो निगम इसमें मदद करेगा। सूखे और गीले कूड़ा का अलग-अलग चार्ज लिया जाएगा। इससे जो भी खाद तैयार होगी वह उन्हीं को मामूली शुल्क लेकर दे दी जाएगी।
पर्यावरण अभियंता राजीव राठी ने बताया कि कूड़ा जलाने या फिर सड़क पर फेंकने वाले बड़े प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई होगी। इन लोगों से गीले कचरा के लिए साढ़े 12 रुपये प्रति किग्रा और सूखे कचरे के लिए छह रुपये प्रति किग्रा चार्ज लिया जाएगा। एक रुपये प्रति किमी के हिसाब से कलेक्शन चार्ज वसूला जाएगा।
सालिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स-2016 के तहत पूर्व में इन्हें नोटिस जारी किया गया था। 20 फीसद बल्क वेस्ट जनरेटरों ने कूड़ा निस्तारण का आश्वासन दिया था। निगम प्रशासन ने सर्वे कराया। निगम के हालिया सर्वे के मुताबिक सौ किग्र्रा से ज्यादा कूड़ा उत्सर्जित करने वाले प्रतिष्ठानों की संख्या अब 2407 हो गई है। इस तरह के प्रतिष्ठान पहले 2200 थे। निगम ने इन लोगों से सूखे (नीले) और गीले (हरा) कूड़े को अलग-अलग रंग के डिब्बों में रखने के लिए कहा है। दोनों तरीके के कूड़े के निस्तारण के लिए प्लांट लग गए हैं। टेढ़ी बगिया में सूखे कूड़े और राजनगर में गीले कूड़े का प्लांट चालू हो गया है। निगम ने पीपीपी मॉडल पर धांधूपुरा में भी चार मीट्रिक टन का प्लांट लगाया है। यह प्लांट 15 दिनों के भीतर चालू हो जाएगा।
नीदरलैंड की टेक्नोलॉजी से लगा प्लांट
पर्यावरण अभियंता राजीव राठी ने बताया कि धांधूपुरा में चार मीट्रिक टन का प्लांट नीदरलैंड की टेक्नोलॉजी पर आधारित है। यहां चार मीट्रिक टन खाद के साथ ही सौ लीटर लिक्विड फर्टिलाइजर भी मिलेगा। कूड़े का निस्तारण आटोमेटिक तरीके से होगा।