कागजों में ही न सिमट जाए एयर एक्शन प्लान, अब तक सिर्फ हवा हवाई Agra News
एक जून को आगरा का प्लान मुख्य सचिव ने किया था लांच। दो माह में वायु प्रदूषण नियंत्रण को नहीं उठाया गया कदम।
आगरा, जागरण संवाददाता। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश पर ताजनगरी में वायु गुणवत्ता सुधार और प्रदूषण नियंत्रण को बनाया गया एयर एक्शन प्लान कागजों से आगे नहीं बढ़ पा रहा है। प्लान की लांचिंग हुए दो माह से अधिक बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई खास कदम नहीं उठाया जा सका है। इससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कहीं एयर एक्शन प्लान कागजों में ही नहीं सिमट जाए।
एनजीटी ने देश के ऐसे 102 शहरों के लिए एयर एक्शन प्लान तैयार करने का आदेश दिया था, जिनमें पिछले पांच वर्षों से एयर क्वालिटी इंडेक्स 60 से अधिक रहा है। इन शहरों में शामिल उप्र के 15 शहरों में आगरा भी है। एक जून को ताजनगरी का एयर एक्शन प्लान मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय ने क्लीन एयर एशिया द्वारा कराए गए कार्यक्रम में लांच किया था। उन्होंने इसे मॉडल के रूप में प्रदेश के अन्य जिलों में लागू करने की बात कही थी। दो माह से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन यह घोषणाओं और कागजों से निकलकर धरातल पर हकीकत में प्लान की तामीर नहीं हो सकी है। एयर एक्शन प्लान में औद्योगिक प्रदूषण को रोकने के लिए कई शॉर्ट टर्म प्लान दिए गए थे। इन्हें दो माह में अंदर अमल में लाना था। औद्योगिक प्रदूषण की निगरानी को रियल टाइम ऑनलाइन मॉनीटङ्क्षरग करनी थी। औद्योगिक क्षेत्रों में ऑनलाइन कंटीन्युअस एमिशन मॉनीटङ्क्षरग सिस्टम (ओसीईएमएस) की स्थापना की जानी थी। इसमें अधिक प्रदूषण करने वाली इकाइयों के क्षेत्र में वेब कैमरे लगाए जाने थे, जिससे कि उनकी निगरानी की जा सके। यह काम उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) को काम करना था।
उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी भुवन यादव ने बताया कि क्लीन एयर एशिया द्वारा प्लान पर वर्कआउट किया जा रहा है।
सिर्फ ईंट भट्टों पर हुई कार्रवाई
आगरा में इस अवधि में केवल बाह तहसील के आठ ईंट भट्ठों के खिलाफ यूपीपीसीबी के लखनऊ मुख्यालय के निर्देशों पर बंदी की कार्रवाई हुई है। इसके लिए यूपीपीसीबी ने अपने स्तर से सर्वे कराकर रिपोर्ट भेजी थी।
दो माह में यह कदम उठाए जाने थे
- वाहनों से होने वाले प्रदूषण की रोक को प्रदूषण करने वाले वाहनों के खिलाफ नियमित कार्रवाई।
- वायु प्रदूषण नियंत्रण, वाहनों की देखरेख, व्यक्तिगत वाहनों का कम से कम प्रयोग के लिए जागरूकता कार्यक्रम।
- पार्किंग के अलावा अन्य जगहों पर वाहनों की पार्किंग को रोकना।
- ईंधन में मिलावट की जांच को एक्शन प्लान बनाना।
- निर्माण व विध्वंस से होने वाले प्रदूषण की रोक को निर्माण व विध्वंस नियम, 2016 का पालन कराना
- सभी निर्माण क्षेत्रों को कवर कराना, जिससे कि धूल कण नहीं उड़ें।
अन्य कदम
- एयर क्वालिटी मैनेजमेंट डिवीजन की स्थापना।
- हेल्पलाइन बनाना।
- डीजल जनरेटर सेट की निगरानी व उल्लंघन करने वालों पर कार्यवाही।
- सड़कों पर कूड़ा फेंकने पर रोक लगाना और कूड़े का पृथकीकरण करना।
- वायु प्रदूषण पर नियंत्रण व जनता के बचाव को एडवाइजरी जारी करना।
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