अपने स्तर से मच्छर भगाएंगे स्कूल, शहर के स्कूलों में नहीं होती रेगुलर फॉगिंग
- पब्लिक स्कूल करा लेते हैं पेस्ट कंट्रोल छिड़काव
आगरा, जागरण संवाददाता। ताजनगरी में बरसात इतनी हुई कि विगत कई साल के रिकॉर्ड टूट गए। पानी की बूंदों के साथ ही बीमारियां भी बरसीं। मच्छरों के आक्रमण से पूरा शहर परेशान है। अस्पतालों में बीमारों की लाइनें लगी हुई हैं। प्रशासन ने इस साल फॉगिंग के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की है। कुछ यही हाल स्कूलों का भी रहा।
200 से ज्यादा स्कूल हैं शहर में
शहर में 200 से ज्यादा छोटे-बड़े स्कूल हैं। आइसीएसई के नौ स्कूल हैं। सीबीएसई के स्कूलों की गिनती लगभग 100 है। यूपी बोर्ड के स्कूलों की गिनती अगर करें तो वे भी 100 से ज्यादा हैं। आइसीएसई स्कूल जहां सालाना 35 से 40 हजार रुपये लेते हैं। पब्लिक स्कूल की सालाना फीस 50 हजार रुपये से शुरू होकर एक लाख रुपये तक जाती है। सीबीएसई के पब्लिक स्कूल तो अपने स्तर से मच्छर भगाने के लिए कोई न कोई इंतजाम करते रहते हैं। लेकिन आइसीएसई स्कूलों में स्थितियां थोड़ी अलग हैं। इन स्कूलों में फॉगिंग की सुविधा नाम के लिए है। कई स्कूलों में टीचर्स अपने स्तर से ही अपनी क्लासेज में हिट या अन्य साधनों से मच्छर दूर करती हैं। पिछले दिनों शहर के प्रतिष्ठित स्कूल का एक बच्चा डेंगू के कारण अपनी जान गंवा चुका है। शहर के एक स्कूल की शिक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हम खुद ही मच्छर भगाने के लिए हिट या कॉइल क्लास में रखते हैं। स्कूल अपने कैंपस में भी फॉगिंग नहीं कराता है। सरकारी स्कूलों की स्थिति काफी खराब है। यहां सालों से फॉगिंग नहीं हुई है। नगर निगम से नहीं है फॉगिंग का प्रावधान
नगर आयुक्त अरुण प्रकाश का कहना है कि नगर निगम सिर्फ सड़कों और गलियों में फॉगिंग कराता है। स्कूल कैंपस में फॉगिंग का प्रावधान निगम में नहीं है। अगर कोई स्कूल प्रार्थना पत्र देता है, तो ही स्कूल में फॉगिंग कराई जाती है। स्कूल वाले फीस ले रहे हैं तो वही अपने स्तर से फॉगिंग कराएं। हर स्कूल के बाहर ही फॉगिंग कराते हैं। सीबीएसई जारी करता है निर्देश
सीबीएसई अपने स्कूलों के लिए निर्देश जारी कर देता है। इसमें बच्चों को फुल यूनीफॉर्म पहनने को कहा जाता है। खिड़कियों पर नेट लगाना, बसों में भी हिट स्प्रे करना,स्कूल के बाहर फॉगिंग कराना और स्कूल के अंदर अगर संसाधन हैं तो पेस्ट कंट्रोल से छिड़काव कराना शामिल है। सीबीएसई के अनुसार हर स्कूल अपने स्तर से मच्छरों को भगाने के लिए कदम उठाए। जीडी गोयंका स्कूल के प्रिंसीपल पुनीत वशिष्ठ बताते हैं कि हम अपने स्कूल में हर तीसरे दिन पेस्ट कंट्रोल से छिड़काव कराते हैं। स्कूल के बाहर फॉगिंग कराई जाती है।