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Rescue Operation in Agra: आगरा में नीलगाय और सिवेट कैट को किया रेस्क्यू

Rescue Operation in Agra रहनकलां गांव में 30 फीट गहरे बोरवेल में गिरे थे दोनों जानवर। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची आइआइ के तहत संरक्षित यह प्रजाति अक्सर अपने मांस की उच्च मांग के कारण खतरे में रहते हैं।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Fri, 12 Nov 2021 03:54 PM (IST)Updated: Fri, 12 Nov 2021 03:54 PM (IST)
Rescue Operation in Agra: आगरा में नीलगाय और सिवेट कैट को किया रेस्क्यू
30 फीट गहरे खुले बोरवेल में गिरे एक नर नीलगाय का बछड़े और एक स्माल इंडियन सिवेट

आगरा, जागरण संवाददाता। एत्मादपुर स्थित रहनकलां गांव में 30 फीट गहरे खुले बोरवेल में गिरे एक नर नीलगाय का बछड़े और एक स्माल इंडियन सिवेट को वाइल्डलाइफ एसओएस की टीम ने रेस्क्यू किया। दोनों ही जानवरों को सुरक्षित रूप से बाहर निकाला गया और जंगल में वापस छोड़ दिया गया।

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ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना दी। वन विभाग द्वारा वाइल्डलाइफ एसओएस टीम को जानकारी दी। दो घंटे तक चले रेस्क्यू आपरेशन में बोरवेल से जानवरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।चिकित्सा परीक्षण करने के बाद, नीलगाय और सिवेट कैट को वापस जंगल में छोड़ दिया गया है।वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजुराज एमवी ने बताया कि नीलगाय या ब्लू बुल सबसे बड़ा एशियाई मृग है और यह भारतीय उपमहाद्वीप में पाए जाते हैं। यह प्रजाति वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची आइआइआइ के तहत संरक्षित है। स्माल इंडियन सिवेट जिसे ओरिएंटल सिवेट भी कहा जाता है, दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया का मूल निवासी है। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची आइआइ के तहत संरक्षित यह प्रजाति, अक्सर अपने मांस की उच्च मांग के कारण खतरे में रहते हैं। 


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