NGT: आगरा पहुंची एनजीटी की टीम, मिट्टी के अवैध खनन मामले में शुरू की जांच
NGT मंगलवार को दोपहर में अवैध खनन की जांच को आगरा पहुंची है एनजीटी की टीम। पर्यावरण कार्यकर्ता डॉ. शरद गुप्ता की शिकायत पर दर्ज किया था वाद। ताज संरक्षित वन क्षेत्र में मिट्टी के खनन से जुड़ा हुआ है मामला।
आगरा, जागरण संवाददाता। ताज संरक्षित वन क्षेत्र में मिट्टी के अवैध खनन से जुड़े मामले की जांच को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की टीम आगरा पहुंची है। टीम ताज संरक्षित वन क्षेत्र में मुआयना कर रही है। एनजीटी में अवैध खनन से सम्बंधित वाद में तीन अगस्त को सुनवाई होनी है।
ताज संरक्षित वन क्षेत्र और यमुना के प्रतिबंधित डूब क्षेत्र की खादर में अवैध खनन की शिकायत डॉ. शरद गुप्ता ने एनजीटी में की थी। उन्होंने कहा था कि बड़े स्तर पर खनन कर ताजमहल के आसपास के क्षेत्र व यमुना के प्रतिबंधित डूब क्षेत्र को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। यह क्षेत्र जानवरों व पौधों की एक हजार से अधिक प्रजातियों का प्राकृतिक अधिवास क्षेत्र है।
खनन से पारिस्थितिकी तंत्र के साथ ही ताजमहल के लिए भी खतरा बढ़ रहा है। शिकायत का संज्ञान लेते हुए एनजीटी के न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी व विशेषज्ञ सदस्य डा. अफरोज अहमद की बेंच ने मई में याचिका दर्ज की थी। बेंच ने शिकायत की जांच और स्थिति में तुरंत सुधार को संयुक्त समिति गठित की थी।
समिति में जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार, वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के रीजनल आफिस लखनऊ, ताज ट्रेपेजियम जोन अथारिटी, उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और डीएम को शामिल किया गया था। उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को जांच के लिए नोडल एजेंसी बनाया गया था।
समिति डूब क्षेत्र के नोटिफिकेशन और चिह्नीकरण के अनुसार वास्तविक स्थिति की जांच करेगी। शिकायत का संज्ञान लेते हुए स्थिति में सुधार को उचित कदम उठाने होंगे। समिति को अपनी रिपोर्ट दो माह में एनजीटी को देनी थी। इस वाद में तीन अगस्त को सुनवाई होनी है। उससे पूर्व जांच रिपोर्ट तैयार करने को समिति जांच के लिए आगरा आई है। समिति के साथ निरीक्षण में वन विभाग, उत्तर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी मौजूद हैं। डॉ. शरद गुप्ता से भी समिति ने जानकारी की है।