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गोवर्धन पर एनजीटी सख्‍त, पूछा क्या मानसी गंगा का पानी पीने योग्य है Agra News

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण परिषद से एक सप्ताह में मांगा जवाब। राजस्थान सरकार को कड़ी फटकार क्यों कच्ची परिक्रमा मार्ग से अभी तक पक्का निर्माण नहीं हटाया गया।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Wed, 23 Oct 2019 05:36 PM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 09:06 PM (IST)
गोवर्धन पर एनजीटी सख्‍त, पूछा क्या मानसी गंगा का पानी पीने योग्य है  Agra News
गोवर्धन पर एनजीटी सख्‍त, पूछा क्या मानसी गंगा का पानी पीने योग्य है Agra News

आगरा, जेएनएन। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में गिरिराज परिक्रमा संरक्षण संस्थान द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता आनंद गोपाल दास व सत्य प्रकाश मंगल के अधिवक्ता सार्थक चतुर्वेदी व राहुल शुक्ला ने सबसे पहले गोवर्धन स्थित मानसी गंगा में सीवर के गंदे पानी का आज भी मानसी गंगा में जाने का विषय उठाया, जिस पर न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण परिषद के अधिवक्ता प्रदीप मिश्रा को निर्देशित किया। कहा कि क्या गोवर्धन मानसी गंगा का पानी पीने योग्य है।

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इस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सार्थक चतुर्वेदी ने न्यायालय को बताया कि आज भी मानसी गंगा के आसपास के घरों के सीवर का पानी मानसी गंगा में गिर रहा है, जिस वजह से वो पानी न पीने योग्य है, न ही नहाने योग्य। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की दलील सुनकर न्यायधीश रघुवेंद्र सिंह राठौड़ व सत्यवान सिंह गब्र्याल ने प्रदूषण नियंत्रण परिषद को आदेश दिया कि एक सप्ताह में मानसी गंगा व आसपास के पानी का नमूना लेकर उनकी जांच करें, रिपोर्ट न्यायालय में प्रेषित करें। उत्तर प्रदेश सरकार के अधिवक्ता अमित तिवारी ने न्यायालय को अवगत कराया की मानसी गंगा के आसपास के क्षेत्र को एसटीपी से जोड़ दिया गया है, इस पर न्यायालय ने उनकी बात से इत्तेफाक ना रखते हुए प्रदूषण नियंत्रण परिषद को न्यायालय को अवगत कराने को कहा तथा रिपोर्ट की एक कॉपी याचिकाकर्ता को भी उपलब्ध कराने को कहा। न्यायालय ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सार्थक चतुर्वेदी व राहुल शुक्ला से भी गोवर्धन निवासी हरिओम शर्मा द्वारा दाखिल दस्तावेज पर एक विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा। राजस्थान सरकार ने अपना जवाब दाखिल किया, जिस पर न्यायालय ने राजस्थान सरकार को कड़ी फटकार लगाई। पूछा क्यों अभी तक आदेशों का अनुपालन नहीं हुआ। न्यायालय ने कड़े शब्दों में राजस्थान सरकार की ओर से मौजूद अधिवक्ता को कच्ची परिक्रमा से पक्का निर्माण तत्काल हटाने को कहा। अभी भी राजस्थान सीमा पर बने स्वागत द्वार पर निर्माण कार्य व रास्ता रोके जाने पर न्यायालय ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को तत्काल वहां की फोटो करवाकर न्यायालय में दाखिल करने को कहा। मामले की अगली सुनवाई 8 नवंबर को होना है।  


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