चुनाव आयोग ने लिया ऐसा फैसला की विपक्ष नहीं उठा सकेगा अब सवाल, जाने क्यों
मतदाता के मतदान का अब रहेगा सबूत। इस बार नई मशीनों से होगा मतदान।
आगरा: पिछले वर्षों में हुए विभिन्न चुनावों में परिणाम आने के बाद विपक्षी दल सबसे पहले ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) को निशाने पर लेते रहे हैं। यही नहीं विपक्षी दल मतपत्रों से चुनाव कराने की मांग भी करते रहे हैं। इसके लिए आगामी चुनावों में चुनाव आयोग ने ईवीएम के नवीनतम मॉडल का प्रयोग करने का निर्णय लिया है। इसमें हर यूनिट के साथ वीवीपैट लगा होगा।
पिछले चुनावों तक चुनाव आयोग एम-1 श्रेणी की ईवीएम का प्रयोग करता रहा है। अब आयोग ने उन्नत मॉडल एम-2 की ईवीएम ली हैं। आयोग आने वाले दिनों में चुनावों के लिए मैनपुरी जिला निर्वाचन कार्यालय को नए मॉडल की ईवीएम भेजेगा। प्रशिक्षक भी आएंगे, जो स्थानीय अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रशिक्षण देंगे।
पिछले वर्ष हुआ था प्रयोग
बीते चुनाव में कुछ मशीनों के साथ ही वीवीपैट लगाया गया था। हालांकि इससे निकलने वाली पर्ची वोटर को नहीं दी गई थी। यह पर्ची मशीन के साथ लगे बाक्स में प्रिंट होकर गिर गई थी।
क्या है वीवीपैट
वोटर वेरिफायड पेपर ऑडिट ट्रायल (वीवीपैट) मतपत्र रहित मतदान प्रणाली है। इसका प्रयोग मतदाताओं को फीडबैक देने के लिए किया जाता है। इससे पता चलता है कि मतदाता का मतदान उसके अनुरूप हुआ है या नहीं।
कैसे काम करता है वीवीपैट
वीवीपैट के साथ ङ्क्षपटर जैसा एक उपकरण ईवीएम से जुड़ा होता है। मतदाता के ईवीएम का बटन दबाते ही, क्रम संख्या, संबंधित उम्मीदवार के नाम और पार्टी के चिह्न की पर्ची अगले 10 सेंकेड में मशीन से बाहर निकल आती है। यह मशीन से जुड़े सुरक्षित बॉक्स में गिर जाती है।
ज्यादा सुरक्षित है नई ईवीएम
नई ईवीएम तकनीकी तौर पर ज्यादा सुरक्षित है। पारदर्शिता के लिए सबके साथ वीवीपैट लगेगा। आयोग मतदाता को वीवीपैट से निकलने वाली रसीद देने पर भी विचार कर रहा है।
- फूलचंद, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी, मैनपुरी
मैनपुरी को चाहिए इतनी ईवीएम
मैनपुरी जिले को 2943 बैलेट यूनिट, 2177 कंट्रोल यूनिट और 2177 वीवीपैट मशीनें इस बार चाहिए होंगी।