New Education Policy: लागू हो रही नई शिक्षा नीति, Graduation में एडमिशन प्रक्रिया में भी हुआ बदलाव, जानें नए नियम
आंबेडकर विवि आगरा में नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। बीए बीएससी और बीकाम में प्रवेश भी नई नियमावली से होंगे। स्नातक स्तर के हर छात्र को प्रथम दो वर्ष के प्रत्येक सेमेस्टर में तीन क्रेडिट का एक कौशल विकास कोर्स करना होगा।
आगरा, जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में नए सत्र से छात्र स्नातक में प्रवेश के समय एक संकाय का चुनाव करेंगे। उसी संकाय के दो मुख्य (मेजर) विषयों का चुनाव करना होगा। त्रिवर्षीय स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में नई शिक्षा नीति लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी गई है। बीए, बीएससी एवं बीकाम के प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश भी नई नियमावली के अनुसार होंगे।
स्पष्ट की मेजर और माइनर विषयों की जानकारी
शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार छात्र द्वारा चयनित संकाय ( कला, विज्ञान, वाणिज्य आदि) में से दो मेजर विषयों का चुनाव कालेज में मेरिट, उपलब्ध सीट की संख्या व संसाधनों पर निर्भर होंगे। यह संकाय छात्र का अपना संकाय कहलाएगा, जिसमें वह तीन वर्ष अथवा पांच वर्ष तक शिक्षा लेगा। तीन मुख्य विषयों के अलावा एक माइनर विषय भी लेना होगा। यह माइनर विषय छात्र द्वारा चयनित संकाय या अन्य संकाय का भी हो सकता है। स्नातक के छात्र को प्रथम एवं द्वितीय वर्ष में एक-एक माइनर विषय का अध्ययन करना होगा।
लेना होगा कौशल विकास कोर्स
स्नातक स्तर के हर छात्र को प्रथम दो वर्ष के प्रत्येक सेमेस्टर में तीन क्रेडिट का एक कौशल विकास कोर्स करना होगा। स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर पर छात्र को प्रत्येक सेमेस्टर में शोध परियोजना करनी होगी। छात्र द्वारा चुने गए तीसरे वर्ष के दो मुख्य विषयों में से किसी एक विषय एवं चतुर्थ, पंचम एवं षष्टम वर्ष के मुख्य विषय से संबंधित शोध परियोजना करनी होगी। इसमें दो प्रकार के पाठ्यक्रम होंगे। पहला इंडीविजुअलल नेचर यानी एक सेमेस्टर में पूरा होने वाला पाठ्यक्रम व दूसरा प्रोग्रेसिव नेचर यानी एक ही पाठ्यक्रम जिसकी विशेषज्ञता प्रत्येक सेमेस्टर के साथ बढ़ती जाएगी।
द्वितीय या तृतीय वर्ष में बदल सकेंगे विषय
शासनादेश के अनुसार छात्र द्वितीय या तृतीय वर्ष में विषय बदल सकेंगे। विषय न्यूनतम एक वर्ष के बाद ही बदला जा सकेगा। छात्र को प्रवेश के समय कला, विज्ञान एवं वाणिज्य में से संकाय को चुनना होगा। चुने हुए संकाय के दो मुख्य विषय लेने होंगे। पहले से छठें सेमेस्टर तक इसकी शिक्षा दी जाएगी। तीसरे मुख्य विषय का चुनाव अन्य किसी भी संकाय के साथ कर सकेगा। तीन मेजर और माइनर इलेक्टिव विषय चुनते हुए यह अनिवार्य होगा कि छात्र को कम से कम एक विषय अन्य संकाय से लेना होगा।
लेने होंगे अनिवार्य सह पाठ्यक्रम
स्नातक स्तर पर हर छात्र को तीन वर्षों यानी छह सेमेस्टर के प्रत्येक सेमेस्टर में एक सह-पाठ्यक्रम(को-करीकुलर) लेना होगा। सभी सह पाठ्यक्रमों को 40 फीसद अंकों के साथ छात्रों को उत्तीर्ण करना होगा। प्रथम सेमेस्टर में भोजन, पोषण व स्वच्छता पढ़ाया जाएगा। द्वितीय सेमेस्टर में प्राथमिक चिकित्सा और स्वास्थ्य, तीसरे सेमेस्टर में मानव मूल्य व पर्यावरण अध्ययन,चौथे सेमेस्टर में शारीरिक शिक्षा और योग, पांचवें सेमेस्टर में विश्लेषणात्मक योग्यता और डिजिटल जागरूकता व छठवें सेमेस्टर में संचार कौशल और व्यक्तित्व विकास पढ़ाया जाएगा।
2021-22 से स्नातक स्तर पर नई शिक्षा नीति लागू कर दी जाएगी, इसे कार्य परिषद से अनुमोदन मिल चुका है। शासन के आदेशों के बाद 2022-23 से परास्नातक पर भी बदलाव किए जाएंगे।
- प्रो. आलोक राय, कार्यकारी कुलपति
विधि की स्पेशल पुन: परीक्षा चार सितंबर से
डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के एलएलबी (फाइनल) व बीएलएलबी (फाइनल) वर्ष की स्पेशल पुन: परीक्षाएं चार सितंबर से शुरू हो रही हैं। दोपहर दो से चार बजे की पाली में होने वाली परीक्षाएं 13 सितंबर को खत्म होंगी। इस परीक्षा में फाइनल वर्ष के छात्र अधिकतम दो प्रश्नपत्रों में शामिल हो सकते हैं। परीक्षाएं आगरा कालेज में होंगी।