Agra News: दुविधा है सामने बड़ी, प्यार और परिवार के बीच फंसी आगरा की राष्ट्रीय खिलाड़ी, दांव पर लगा कैरियर
जूनियर वर्ग में राष्ट्रीय स्पर्धा में दो बार पदक जीत चुकी है खिलाड़ी। परिवार पर मर्ज़ी के खिलाफ शादी का दबाव बनाने का आरोप। खिलाड़ी को कानपुर राजकीय बाल गृह बालिका भेजा गया। बालिग होने में बचे हैं अब कुछ ही दिन। तब होगा फैसला।
आगरा, जागरण संवाददाता। शहर की रहने वाली एक राष्ट्रीय खिलाड़ी का कैरियर दांव पर है। वह प्यार और परिवार के बीच फंस गई है। राष्ट्रीय स्तर पर जूनियर वर्ग में दो बार पदक जीत चुकी खिलाड़ी ने अभिभावकों पर शादी का दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए घर छोड़ दिया। मामला पुलिस तक पहुंचा। राष्ट्रीय खिलाड़ी का प्रेमी उससे दोगुनी उम्र का है। पुलिस ने उसे समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नही मानी। नाबालिग होने पर खिलाड़ी को बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत किया गया। वह घर लौटने को राजी नहीं हुई। समिति ने खिलाड़ी को कानपुर के राजकीय बालिका गृह भेज दिया।
दोगुनी उम्र के युवक से प्यार
मामला शहर की रहने वाली की एक राष्ट्रीय खिलाड़ी का है। जूनियर स्तर पर दो बार राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक जीत चुकी खिलाड़ी की उम्र अभी 18 साल पूरी नहीं हुई है। वह जब 10 वर्ष की थी, कमला नगर थाना क्षेत्र के रहने वाले युवक से उसका परिचय हुआ। दोनों की उम्र में दोगुना से भी अधिक का अंतर होने के कारण स्वजन को युवक के इरादों पर किसी तरह का कभी शक नहीं हुआ। कुछ वर्ष पूर्व अभिभावकों ने मकान बदल दिया, वह शहर में दूसरी जगह रहने लगे।
परिवार ने कर दिया दूसरी जगह रिश्ता
युवक इसके बाद भी लगातार खिलाड़ी के संपर्क में रहा। अभिभावकों को बेटी के साथ उसके रिश्ते का पता चला तो होश उड़ गए। बेटी को समझाने का प्रयास किया। युवक की आयु के अंतर का हवाला दिया। खिलाड़ी युवक से प्यार करने का हवाला देकर उसी से शादी की जिद पर अड़ी रही। जिस पर अभिभावकाें ने उसका रिश्ता कहीं और तय करने का प्रयास किया।
खिलाड़ी ने कर दी बगावत
खिलाड़ी को इसका पता चला तो बगावत कर दी। उसने घर छोड़ दिया। पुलिस में अभिभावकों पर शादी का दबाव बनाने की शिकायत कर दी। वहीं, स्वजन का कहना पुलिस से कहना था कि उनकी बेटी अपना ध्यान खेल पर केंद्रित न करके भविष्य खराब कर रही है। वह उसे यही समझाने का प्रयास कर रहे हैं। पुलिस ने खिलाडी के नाबालिग होने पर उसे बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत किया। समिति ने उसे अपनी अभिरक्षा में लेकर कानपुर में राजकीय बालिका गृह भेज दिया।
इंटर और हाई स्कूल में 75 फीसद से अधिक अंक किए थे हासिल
खिलाड़ी मेधावी छात्रा भी है। उसने यूपी बोर्ड की दसवीं और बारहवीं में 75 फीसद से अधिक अंक हासिल किए हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है।
खिलाड़ी बाल कल्याण समिति के सामने पेश हुईं थीं। उसका आरोप है कि अभिभावक उसकी मर्ज़ी के खिलाफ शादी करना चाहते हैं। खिलाड़ी की उम्र 18 वर्ष से कम होने के कारण राजकीय बालिका गृह कानपुर भेजा गया है। खिलाड़ी को कांउसलिंग और कोच की जरूरत है। जिससे कि वह अपने खेल पर ध्यान केंद्रित कर देश-प्रदेश का नाम रोशन कर सके।
मोनिका सिंह, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति