Heritage City: बाधाएं हो गईं दूर, 9.7 करोड़ से यूनेस्को में होगा आगरा का नॉमिनेशन
Heritage City रिवर फ्रंट गार्डन के 12 किमी को किया गया है चिन्हित। पांच से सात साल तक समय लगने के आसार। निगम प्रशासन द्वारा राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा जा रहा है। राज्य इसे केंद्र सरकार को भेजेगी। केंद्र सरकार द्वारा प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र को भेजा जाएगा।
आगरा, जागरण संवाददाता। हेरिटेज सिटी की राह की सभी बाधाएं दूर हो गईं हैं। यूनेस्को में नॉमिनेशन (नामांकन) कराने में 9.7 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें पांच से सात साल का समय लगेगा। क्योंकि अहमदाबाद, गुजरात को सात साल लगे थे। तब जाकर वर्ष 2017 में वल्र्ड हेरिटेज सिटी घोषित किया गया था। नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि निगम प्रशासन द्वारा राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा जा रहा है। राज्य इसे केंद्र सरकार को भेजेगी। केंद्र सरकार द्वारा प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र को भेजा जाएगा। वहां से इसे यूनेस्को को भेजा जाएगा। नामांकन स्वीकार होने के बाद यूनेस्को की टीम रिवर फ्रंट गार्डन के 12 किमी का सत्यापन करेंगी।
राज्य सरकार ने दिया हलफनामा
सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार ने आगरा को हेरिटेज सिटी बनाने का हलफनामा दिया था। राज्य सरकार ने सेंटर फॉर एनवायरामेंटल प्लानिंग एंड टेक्नोलॉजी (सेप्ट) अहमदाबाद से संपर्क किया। सेप्ट ने अहमदाबाद को हेरिटेज सिटी बनाने का प्रस्ताव तैयार किया था। यह देश का पहला हेरिटेज सिटी है।
फायदा
हेरिटेज सिटी बनने से यूनेस्को को अतिरिक्त फंड मिलेगा। इससे रिवर फ्रंट गार्डन का सही तरीके से विकास हो सकेगा। वहीं इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
हेरिटेज सिटी एक नजर में
- नगर निगम प्रशासन ने दिसंबर, 2018 में शासन से 83 लाख रुपये की मांग की थी।
- शासन ने हेरिटेज सिटी का प्रस्ताव तैयार करने की अनुमति दी।
- 83 लाख रुपये पर्यटन विभाग सेप्ट की टीम को देगा।
एक मानदंड करना होगा पूरा
यूनेस्को के दस मानदंड (छह सांस्कृतिक और चार प्राकृतिक) में से एक मानदंड पूरा करना होगा।
मलिन बस्तियों का होगा कायाकल्प
रिवर फ्रंट के आसपास कई मलिन बस्तियां भी हैं। इनका कायाकल्प किया जाएगा। पक्की रोड से लेकर अन्य सुविधाएं मिलेंगी।
नहीं हटेंगे उद्योग
वर्तमान में जो उद्योग चल रहे हैं। उन्हें शिफ्ट नहीं किया जाएगा लेकिन नए उद्योग नहीं लगेंगे।