Mustard Crop: आगरा में सरसों की फसल हो रही तैयार, किसानों को खरीद केंद्र की दरकार
Mustard Crop गत वर्ष खेरागढ़ सदर में खुले थे केंद्र अन्य ब्लॉक में भी किसान कर रहे मांग। लाकडाउन में गेहूं गन्ने की फसल प्रभावित हुई तो किसानों की सब्जियों को बाजार भी नहीं मिल सका था। जो सब्जियां मंडी पहुंची उनको लागत मूल्य तक नहीं मिल सका।
आगरा, जागरण संवाददाता। बाजरा के खरीद केंद्र नहीं खुलने से निराश किसान खेतों में तैयार हो रही सरसों को देख परेशान है। खरीद केंद्र समय से खुले और उनकी संख्या भी पर्याप्त हो किसान ये आस लगाए हुए हैं। गत वर्ष खेरागढ़ और सदर में ही सरसों खरीद केंद्र खुले थे, दूसरे ब्लॉकों के किसानों को मुश्किल हुई थी।
लाकडाउन में गेहूं, गन्ने की फसल प्रभावित हुई तो किसानों की सब्जियों को बाजार भी नहीं मिल सका था। जो सब्जियां मंडी पहुंची उनको लागत मूल्य तक नहीं मिल सका। ऐसे में बिचपुरी, बरौली अहीर, एत्मादपुर, शमसाबाद क्षेत्र के दर्जनों किसानों ने खेत में ही सब्जियों को रौंद दूसरी फसल की तैयारी शुरू कर दी थी। इसके बाद बाजरा की बुवाई में किसानों को मुश्किल झेलनी पड़ी तो खरीद केंद्र नहीं खुलने से न्यूनतम समर्थन मूल्य 2150 रुपये प्रति कुंतल से 300 से 400 रुपये कम में किसानों ने बाजरे को बाजार में बेचा था। अब सरसों की बुवाई हो चुकी है और फरवरी में फसल तैयार हो जाएगी। जिले में 66 हजार हेक्टेयर से अधिक में उत्पादन होता है। किसान डा. हर्षबर्धन, सौरभ चौधरी, का कहना है कि बाह, जगनेर, एत्मादपुर, फतेहपुर सीकरी में भी खरीद केंद्र खुलने चाहिए। इस क्षेत्र के किसानों को लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। फरवरी के प्रथम सप्ताह में केंद्र खुल जाने चाहिए, जिससे किसानों को मुश्किल न हो। इसके साथ ही गत वर्ष की तरह चंद किसानों से खरीद कर केंद्र लंबे समय के लिए बंद न हो। इस ओर भी पहले से ही ध्यान देना होगा।