प्यार के लिए तोड़ी मजहब की दीवार, निकाह की जगह लिए फेरे, जानिये फिर क्या हुआ
रकाबगंज क्षेत्र की घटना, परिवार के राजी न होने पर छोड़ गई थी घर। मंदिर में प्रेमी संग फेरे लेकर लौटी घर, परिजनों ने लिखाया था मुकदमा।
आगरा, अली अब्बास। चर्चित गीत है चांदी की दीवार न तोड़ी मेरा प्यार भरा दिल तोड़ दिया। अमर प्रेम की निशानी ताजमहल के शहर की युवती ने इस गीत के मायने बदल दिए। प्यार के लिए मजहब की दीवार तोड़ दी, निकाह की जगह प्रेमी के संग मंदिर में फेरे लिए। परिजनों ने प्रेमी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी। इस पर लौटकर आई युवती ने परिवार के साथ जाने से मना कर दिया।
मामला रकाबगंज क्षेत्र निवासी 22 वर्षीय अल्पसंख्यक संप्रदाय की युवती का है। पिता जूता फैक्ट्री में काम करते हैं। युवती को एक साल पहले पास में रहने वाले युवक से प्यार हो गया। कुछ महीने पहले परिजनों को इसका पता चला तो युवक के गैर मजहब होने के चलते इसका विरोध किया। युवती ने प्रेमी संग शादी की जिद की तो परिजनों ने दोनों के मिलने-जुलने पर रोक लगा दी।
परिजनों की पाबंदी से युवती क्षुब्ध थी। वह प्रेमी संग शादी की जिद पर अड़ गई। तीन महीने से परिवार के लोगों को प्रेमी संग मनाने की कोशिश कर रही थी। जब वह राजी नहीं हुए तो युवती ने बगावत कर दी। दो जनवरी को घर छोड़कर चली गई। प्रेमी के साथ रायबरेली के लालगंज में एक मंदिर में फेरे लेकर शादी कर ली। दोनों वहां एक किराए पर कमरा लेकर रह रहे थे।
उधर, परिजनों ने युवती का पता नहीं लगने पर रकाबगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी। इसका पता चलने पर प्रेमी के साथ लौटी युवती ने पुलिस को शादी करने की जानकारी दी। पुलिस युवती का मेडिकल कराने के बाद उसे बयान दर्ज कराने को मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत करेगी।
प्रेमी को नहीं बदलने दिया मजहब
बताते हैं युवती को अपनाने में मजहब की दीवार आड़े आने पर प्रेमी ने अपना धर्म बदलने मन बना लिया था। मगर, युवती ने उसे ऐसा करने से रोक दिया। उसने निकाह की जगह मंदिर में फेरे लेने का फैसला किया।
फैसला बदलने को मनाने में जुटा परिवार
युवती द्वारा प्रेमी से शादी करने के बावजूद परिवार वाले उसे मनाने की कोशिश कर रहे हैं। उससे प्रेमी से रिश्ता खत्म करने की कह रहे हैं। मगर, युवती का कहना है कि वह प्रेमी को किसी कीमत पर नहीं छोड़ेगी।
पहले भी कई युवतियां गिरा चुकी हैं मजहब की दीवार
ताजनगरी में प्यार के लिए पहले भी कई युवतियां मजहब की दीवार तोड़ चुकी हैं। परिवार वालों के प्रेमी संग रिश्ते को राजी नहीं होने पर बगावत करके घर छोड़ चुकी हैं। इनमें से कुछ ने बाद में अपना फैसला बदल दिया। वह परिवार के साथ चली गईं। जबकि कुछ ने प्रेमी के साथ जाने के फैसले पर बरकरार रहीं।
पिछले वर्ष 100 ने की बगावत
पिछले वर्ष प्रेमी संग शादी के लिए 100 युवतियों ने घर से बगावत की। परिवार वालों के शादी के राजी नहीं होने पर वह घर छोड़कर चली गईं। मुकदमा दर्ज होने पर कुछ घर लौट आईं। जबकि कुछ का अभी तक पता नहीं चल सका। पुलिस उनकी बरामदगी के प्रयास कर रही है।
घर छोडऩे वालीं निम्न मध्यम वर्ग की सबसे ज्यादा
घर छोडऩे वाली युवतियों में सबसे अधिक संख्या निम्न मध्यम वर्ग की हैं। अधिकांश के माता-पिता फैक्ट्रियों मे काम करते हैं। पिछले वर्ष घर छोडऩे वालीं 70 फीसद लड़कियां इन्हीं परिवारों की थीं। ज्यादातर अल्प शिक्षित परिवारों से थीं।