म्यूजियम में हो महाराजा अग्रसेन से अब तक का इतिहास
-पाच वर्षो में नाम तो बदल गया लेकिन तय नहीं हो पाई कलाकृतिया -आठ माह में आíकटेक्ट फर्म तैयार न कर सकी बिजनेस प्लान
आगरा, जागरण संवाददाता। निर्माणाधीन म्यूजियम का पाच वर्षो में नाम बदलकर तो मुगल से छत्रपति शिवाजी हो गया, लेकिन उसमें सैलानियों को आकíषत करने के लिए सरकार आज तक कलाकृतिया तय नहीं कर पाई है। प्रदेश सरकार ने जनवरी में आíकटेक्ट फर्म आरकॉम को बिजनेस प्लान उपलब्ध कराने को कहा था, जो अभी तक तैयार ही नहीं हो सका है। जबकि उसके आधार पर ही म्यूजियम का संचालन व रखरखाव होना है।
पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों का मानना है कि म्यूजियम में आगरा के साथ ही आसपास के इतिहास को भी शामिल किया जाए। उसमें साउंड एंड लाइट शो जैसे कार्यक्रम कराए जाएं, जिनमें आगरा का संपूर्ण इतिहास हो।
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वर्जन
महाराजा अग्रसेन, राजपूत, मुगल, मराठा, जाट, आर्मेनियन, ब्रिटिश काल का पूरा इतिहास म्यूजियम में शामिल किया जाए। आगरा व आसपास हुए उत्खनन में मिले पुरावशेष प्रदर्शित किए जाएं। ताज देखने वाले वीआइपी के फोटो, कमेंट्स, भूले-बिसरे स्मारकों की जानकारी हो। आगरा के तीनों छोटे म्यूजियम को मिलाकर एक कर देना चाहिए।
-शमसुद्दीन, अध्यक्ष एप्रूव्ड टूरिस्ट गाइड एसोसिएशन आगरा के 200 किमी के अंदर आने वाले क्षेत्रों के इतिहास, कलाकृतियों, पुरावशेषों को म्यूजियम में प्रदर्शित किया जाना चाहिए। सरकार को भवन बनाने से पूर्व ही यह तय कर लेना चाहिए था कि वो उसमें सैलानियों के लिए क्या आकर्षण रखेगी।
-राकेश चौहान, अध्यक्ष होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन म्यूजियम में पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र प्राचीन समय में प्रयोग किए जाने वाले हथियार, आभूषण, कवच, कपड़े आदि होते हैं। इसके साथ ही राजाओं के समय बनीं पेंटिंग्स, ढाले गए सिक्के होने चाहिए। आगरा पर्यटक मुगल काल में बने स्मारकों को देखने आते हैं, इसलिए उनसे संबंधित वस्तुएं म्यूजियम में अवश्य होनी चाहिए।
-नितिन सिंह, गाइड
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हाईलाइटर
- 2015 में सपा सरकार के समय शिल्पग्राम के नजदीक मुगल म्यूजियम बनाने की योजना बनी
- 2016 जनवरी में म्यूजियम का शिलान्यास हुआ
- 70 फीसद करीब काम हो चुका है अब तक ।
- 14 सितंबर को सीएम योगी ने आगरा मंडल की समीक्षा के दौरान म्यूजियम का नाम बदलने के आदेश दिए
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आगरा में हैं तीन म्यूजियम
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के ताजमहल व फतेहपुर सीकरी में और नगर निगम का पालीवाल पार्क स्थित जोंस पब्लिक लाइब्रेरी के प्रथम तल पर म्यूजियम है। ताज म्यूजियम में ताजमहल से संबंधित अभिलेख, फरमान, मुगलकालीन शस्त्र, शाहजहा व मुमताज के हाथीदात पर बने चित्र, बर्तन आदि हैं। फतेहपुर सीकरी म्यूजियम में फतेहपुर सीकरी में उत्खनन में मिलीं जैन प्रतिमाएं और तलवार हैं। नगर निगम के म्यूजियम में ताजमहल के सेवन वंडर्स में चुने जाने पर मिली ट्रॉफी, मथुरा में मिले पुरावशेष हैं। ताज और सीकरी स्मारक देखने वाले 10 फीसद पर्यटक भी म्यूजियम में नहीं आते। नगर निगम के म्यूजियम में तो कभी-कभार कोई आता है। यह सब उचित प्रचार-प्रसार नहीं किए जाने की वजह से है।