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300 लोगों से पूछताछ, फिर भी क्राइम ब्रांच न सुलझा सकी मासूमों की मर्डर मिस्ट्री

खंदौली में सात वर्ष पूर्व दो बच्ची को अगवा करके हत्या के मामले में पुलिस दो बार लगा चुकी एफआर। विधानसभा समिति ने आठ महीने पहले क्राइम ब्रांच को सौंपी थी जांच।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 01:33 PM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 07:43 PM (IST)
300 लोगों से पूछताछ, फिर भी क्राइम ब्रांच न सुलझा सकी मासूमों की मर्डर मिस्ट्री
300 लोगों से पूछताछ, फिर भी क्राइम ब्रांच न सुलझा सकी मासूमों की मर्डर मिस्ट्री

आगरा, [जासं]: खंदौली क्षेत्र से सात वर्ष पहले अगवा करके दो मासूम बच्चियों की हत्या का राजफाश अब शायद ही कभी हो सकेगा। निर्दोष मासूमों की जान लेने वाला कातिल अब आजाद घूम सकेगा। मामले में पुलिस के दो बार एफआर लगाने के बाद विधानसभा आश्वासन समिति ने आठ महीने पहले क्राइम ब्रांच को जांच सौंपी थी। वह भी इस गुत्थी को सुलझाने में नाकाम रही है। विधानसभा समिति द्वारा इसकी मॉनीटङ्क्षरग समाप्त करने के बाद जांच दाखिल दफ्तर करने की तैयारी है।

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फ्लैश बैक

खंदौली क्षेत्र निवासी निवासी पांच वर्षीय बालिका को पशुओं की पैठ से 26 मई 2011 को बाइक सवारों ने अगवा कर लिया था। तीन दिन बाद उसकी लाश गांव से तीन किलोमीटर दूर नगला नीम में एक खेत में मिली थी। बच्ची के शरीर पर कपड़े नहीं थे। पूरे शरीर में चोटों और सिगरेट से जलाने के निशान थे। कातिल ने उससे दङ्क्षरदगी की सारी हदें पार कर दी थीं। ग्रामीणों का दावा था कि मासूम से दुष्कर्म किया गया, हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसकी पुष्टि नहीं हुई थी। पुलिस मासूम के कातिल की गुत्थी सुलझाने की कोशिश कर रही थी। इसी दौरान अक्टूबर में घर के बाहर खेल रही छह वर्षीय मासूम को उसी अंदाज में बाइक सवार उठा ले गए। हैवानियत के बाद हत्या करके उसकी लाश को भी नगला नीम के पास खेत में फेंक दिया था।

छह महीने बाद लगा दी एफआर

पुलिस छह महीने तक दोनों बच्चियों के कातिलों का सुराग लगाने की कोशिश करती रही। गुत्थी नहीं सुलझने पर पुलिस दोनों मुकदमों में दो बार एफआर लगा चुकी है। जो कोर्ट में स्वीकार भी हो चुकी है।

विधानसभा समिति ने क्राइम ब्रांच को सौंपी थी जांच

विधानसभा आश्वासन समिति के संज्ञान में मामला आने पर उसने पुलिस को दोबारा जांच के निर्देश दिए। इसके बाद मामला क्राइम ब्रांच को सौंपा गया। क्राइम ब्रांच ने आठ महीने तक जांच की। इसमें एसटीएफ की भी मदद ली गई। गांव में जाकर क्राइम सीन रिक्रिएशन किया। मगर, नतीजा हाथ नहीं आया। इसके बाद विधानसभा समिति ने भी इस वर्ष अगस्त में दोनों मामलों की मॉनीटङ्क्षरग समाप्त करने का फैसला किया।

कातिलों के सुराग को 300 लोगों से पूछताछ

क्राइम ब्रांच ने कातिलों का सुराग हासिल करने को ग्राम प्रधानों, चौकीदारों, छेड़छाड़ में जेल जा चुके आरोपितों समेत 300 लोगों से पूछताछ की। मामला सात वर्ष पुराना होने के कारण कोई ठोस सुराग नहीं दे सका।

मासूमों की हत्या के पीछे तांत्रिक

दोनों हत्याओं की जांच के दौरान एक बात उभर कर आई कि उनकी जान तंत्र-मंत्र के चलते ली गई। इस पर क्राइम ब्रांच ने खंदौली और उसके आसपास में रहने वाले तांत्रिकों के बारे में जानकारी की। मगर, कोई सुराग नहीं मिला। इससे आशंका है कि दोनों बच्चियों की हत्या करने वाला तांत्रिक इस दौरान वह जगह छोड़कर कहीं और चला गया हो।


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