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Mukhtar Ansari: जेल की बैरक से बरामद सामान नहीं पेश कर सके, अदालत ने दी सुनवाई की अगली तारीख

Mukhtar Ansari गवाही को हाजिर हुए तत्कालीन जेलर कैलाश चंद सुनवाई अब 11 जुलाई को। छापे के दौरान बरामद मुकदमे से संबंधित सामान नहीं हो सका पेश। पूर्व एमएलए मुख्तार अंसारी के खिलाफ दो दशक से चल रहा है मुकदमा।

By Abhishek SaxenaEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2022 06:20 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2022 06:20 PM (IST)
Mukhtar Ansari: जेल की बैरक से बरामद सामान नहीं पेश कर सके, अदालत ने दी सुनवाई की अगली तारीख
Mukhtar Ansari: पूर्व एमएलए मुख्तार अंसारी के खिलाफ दो दशक से चल रहा है मुकदमा।

आगरा, जागरण संवाददाता। बांदा जेल में बंद पूर्व विधायक मुख्तार अंसार के खिलाफ दर्ज 22 साल पुराने मुकदमे में अब 11 जुलाई को सुनवाई होगी।

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मामले में गुरुवार को तत्कालीन जेलर केंद्रीय कारागार कैलाश चंद हाजिर हुए। मगर, छापे के दौरान बैरक से बरामद सामान को अभियोजन गुरुवार को पेश नहीं कर सका। जिसके चलते गवाही पूरी नहीं हो सकी। जिस पर विशेष मजिस्ट्रेट एमपी/एमएलए अर्जुन ने सुनवाई के लिए 11 जुलाई की तारीख नियत की है।

ये थी घटना

घटना मार्च 1999 की है। मुख्तार अंसारी केंद्रीय कारागार में बंद था। तत्कालीन डीएम और एसएसपी ने फोर्स के साथ जेल पर छापा मारा था। मुख्तार की बैरक में तलाशी में बुलेटप्रूफ जैकेट, मोबाइल और सिम बरामद किया था। मामले में मुख्तार अंसारी के खिलाफ जगदीशपुरा थाने में तत्कालीन थानाध्यक्ष शिव शंकर शुक्ला की ओर से मुकदमा दर्ज किया गया था।

अब 11 जुलाई की तारीख दी गई

वादी की गवाही पूरी हो चुकी है। दूसरे गवाह तत्कालीन उप निरीक्षक रूपेंद्र गौड़ की गवाही भी गई है। मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता रवि अरोड़ा ने बताया कि गुरुवार को तत्कालीन जेलर केंद्रीय कारागार कैलाश चंद का बयान व जिरह होनी थी। मगर, पुलिस मुकदमे से संबंधित बैरक से बरामद माल प्रस्तुत नहीं कर सकी। विशेष मजिस्ट्रेट एमपी/एमएलए अर्जुन ने मुकदमे से संबंधित सामान प्रस्तुत करने के लिए 11 जुलाई की तारीख नियत की है।

25 गवाह दर्शाए गए थे

अभियोजन पक्ष की ओर से मामले में 25 गवाह दर्शाए गए थे। उक्त मुकदमा पूर्व में विशेष न्यायाधीश एमपी/ एमएलए नीरज गौतम की अदालत में लंबित था। शासन द्वारा विशेष ट्रायल वाले मुकदमो के लिए विशेष मजिस्ट्रेट एमपी/ एमएलए कोर्ट का गठन करने पर मुकदमा यहां स्थानांतरित हो गया था। कोरोना के चलते भी गवाही की प्रक्रिया बाधित हुई थी। 

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