आगरा, जागरण संवाददाता। मुगल शहंशाह अकबर द्वारा लाल पत्थरों से तामीर कराई गई फतेहपुर सीकरी में कई सुंदर स्मारक बने हुए हैं। इन्हीं में से एक संगीत सम्राट तानसेन की बारादरी में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने संरक्षण कार्य कराया है। स्मारक में खराब हो चुके पत्थरों को बदलने के साथ ही असामाजिक तत्वों के प्रवेश को रोकने के इंतजाम किए गए हैं।
मुगलकालीन संगीतकारों में प्रसिद्ध हुए थे तानसेन
मुगलकालीन संगीतकारों में तानसेन बहुत प्रसिद्ध हैं। वह अकबर के दरबार में रहे थे। फतेहपुर सीकरी स्थित एक बारादरी को उनके नाम पर ही जाना जाता है। यहां हाल ही में एएसअाइ द्वारा संरक्षण कार्य कराया गया है। यहां फर्श के साथ ही दासा (बार्डर) के खराब पत्थरों को बदला गया है। तानसेन की बारादरी आगरा गेट वाले मार्ग पर डाक बंगले के मोड़ पर स्थित है।
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एएसआइ ने लगवाई है ग्रिल
स्थानीय लोग यहां पाथवे पर दोपहिया वाहन चढ़ाकर ऊपर डाक बंगले तक ले जाते थे। बारादरी की छत पर चढ़ जाते थे। यहां असामाजिक तत्वों का भी डेरा लगा रहता था। उन्हें रोकने को एएसआइ ने रास्ते पर गेट लगवा दिया है, जिससे कि यहां से दोपहिया वाहन ऊपर नहीं जा सकें। पर्यटक यहां से ऊपर पैदल जा सकते हैं। वहीं, बारादरी की छत को जाने वाली सीढ़ियों पर ग्रिल लगाई गई है, जिससे कि कोई ऊपर नहीं जा सके।
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अधीक्षण पुरातत्वविद् डा. राजकुमार पटेल ने बताया कि तानसेन की बारादरी में संरक्षण का काम किया गया है। यहां गेट व ग्रिल लगाए गए हैं, जिससे अवांछित तत्वों को रोका जा सके।