Mudiya Purnima Mela: लक्खी मेला में नहीं आ सकते गोवर्धन तो न लें टेंशन, इस बार होंगे Live दर्शन
Mudiya Purnima Mela मुड़िया पूर्णिमा मेला 10 से 14 जुलाई तक। मुड़िया शोभा यात्रा के लाइव दर्शन की तैयारी। उत्तर भारत के विशाल राजकीय मुड़िया पूर्णिमा मेला में करीब एक करोड़ भक्त गिरिराजजी की परिक्रमा करने गोवर्धन आते हैं।
आगरा, जागरण टीम। संत सनातन की परंपरा का निर्वहन दो साल बाद भव्यता के साथ किया जा रहा है। यह खबर सनातन के तमाम अनुयायियों को आनंदित कर रही है। मेला में करीब एक करोड़ श्रद्धालु गिरिराजजी की सात कोसीय परिक्रमा लगाने गोवर्धन आते हैं। कोरोना के कारण प्रशासन ने विगत दो साल मेला का आयोजन निरस्त कर दिया गया था। मुड़िया संतों ने परंपरा का निर्वहन सूक्ष्म रूप में किया था। परंतु इस बार भी किसी कारण वश कुछ भक्त नहीं आ पा रहे हैं। भक्तों की भावनाओं को ध्यान में रख महाप्रभु मंदिर के मुड़िया महंत ने फेसबुक पर लाइव दर्शन कराने का निर्णय लिया है।
गौड़ीय संत सिर मुड़ाकर भजन संकीर्तन के साथ मानसी गंगा की परिक्रमा कर परंपरा का निर्वहन करते हैं। उत्तर भारत के विशाल राजकीय मुड़िया पूर्णिमा मेला में करीब एक करोड़ भक्त गिरिराजजी की परिक्रमा करने गोवर्धन आते हैं। तो हजारों परिवारों का जीवन यापन भी भक्तों के आगमन पर टिका है। 21 किमी की परिक्रमा वाले मार्ग में पांच दिन तक अटूट मानव श्रृंखला बनती है। ये मेला गौड़ीय संत सनातन की स्वर्णिम भक्ति का दिव्य इतिहास समेटे हैं। आषाढ़ महीने की पूर्णिमा को ही गुरु पूर्णिमा, मुड़िया पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस साल 466 वां मुड़िया महोत्सव मनाया जाएगा।
इस बार यह मेला 10 से 14 जुलाई तक है। मेला के दौरान महाप्रभु मंदिर में धार्मिक आयोजन होते हैं। पूर्णिमा से दो दिन पूर्व मुड़िया संत अपने बाल कटवाते (सिर मुङाते) हैं। पूर्णिमा के दिन यानी 13 जुलाई को संत सनातन के चित्रपट के साथ तमाम संत नाचते कूदते मानसी गंगा की परिक्रमा लगाएंगे। इतिहास से जुड़ी इस अद्भुत परंपरा में शामिल होने को दूर दराज से तमाम भक्त आते हैं। परंतु किसी कारणवश आयोजन में शामिल न होने वाले भक्त घर बैठे इस परंपरा के दर्शन कर सकेंगे। महाप्रभु मंदिर के मुड़िया महंत गोपाल दास ने बताया कि तमाम भक्त नहीं आ पा रहे हैं, इसके लिए फोन कर रहे हैं। उनकी भावनाओं को देखते हुए सभी भक्तों को फेसबुक पर शोभा यात्रा सहित अन्य महोत्सव के लाइव दर्शन कराए जाएंगे। इसके लिए गौड़ीय संतों की टीम बनाई जा रही है।