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President of Kisan Morcha: किसानों के 'राजकुमार' ऐसे ही नहीं बन गए चाहर, लंबा रहा है संघर्ष, ये रहेंगी प्राथमिकताएं

भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक का सांसद राजकुमार चाहर ने तय किया सफर। वर्तमान में मोर्चा के प्रदेश महामंत्री के रूप में संभाल रहे हैं जिम्मेदारी किसानों के लिए किया हमेशा संघर्ष। आगरा में आलू अनुसंधान केंद्र के लिए करेंगे प्रयास।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sun, 27 Sep 2020 06:23 PM (IST)Updated: Sun, 27 Sep 2020 06:23 PM (IST)
President of Kisan Morcha: किसानों के 'राजकुमार' ऐसे ही नहीं बन गए चाहर, लंबा रहा है संघर्ष, ये रहेंगी प्राथमिकताएं
भाजपा किसान मोर्चा के नवनियुक्‍त अध्‍यक्ष सांसद राजकुमार चाहर। फाइल फोटो

आगरा, राजीव शर्मा। कृषि विधेयक को लेकर जब भाजपा सरकार पर चारों तरफ से हमले हो रहे हैं, ऐसे में सांसद राजकुमार चाहर का किसान मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना, बड़ी उपलब्धि है। इसके साथ ही पार्टी में तो उनका कद बढ़ा ही है, राष्ट्रीय स्तर पर किसान नेता के रूप में चमकने का भी मौका मिला है। मगर, ये मौका उन्हें ऐसे ही नहीं मिल गया। इसके लिए उन्होंने लंबा संघर्ष किया है। इसी मोर्चा में जिलाध्यक्ष से लेकर प्रदेश उपाध्यक्ष तक का दायित्व संभाला। किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से सांसद राजकुमार चाहर वर्तमान में मोर्चा के प्रदेश महामंत्री हैं। इससे पहले राष्ट्रीय स्तर पर राजकुमार चाहर का नाम वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में मिली बड़ी जीत के बाद चर्चा में आया। उन्होंने फतेहपुरी लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर को 4,95,065 वोटों से चुनाव हराया। राज बब्बर 1,72,082 वोटों में ही सिमट गए थे। राजकुमार चाहर को 6,67,147 वोट मिले थे। मोदी लहर में किसानों ने भी राजकुमार पूरा साथ दिया। इसी का परिणाम था कि उन्होंने रिकार्ड वोटों से जीत हासिल की। किसान नेता के साथ ही जाट समाज के बड़े नेता रूप में उनका चेहरा सामने निकलकर आया। तभी से उनके समर्थक अनुमान लगा रहे थे कि राजकुमार चाहर को या तो मोदी सरकार में या फिर संगठन में बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी। भाजपा ने भी किसान मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर एक तीर से दो निशाने लगा दिए। किसानों के साथ-साथ जाट समाज को भी संतुष्ट कर दिया है। हालांकि राजकुमार चाहर इससे पहले वर्ष 2012 में फतेहपुर सीकरी विधानसभा सीट से ही विधानसभा का निर्दलीय चुनाव लड़ चुके थे। तब उन्हें 62 हजार वोट तो मिले थे। इतने वोट मिलने पर भी वह जीत दर्ज नहीं करा पाए थे। तब किसान सेना के सहयोग से ही उन्होंने चुनाव लड़ा था। इससे पूर्व वर्ष 2007 में भी इसी विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ चुके थे।

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संगठन में ये रही जिम्मेदारी

खेरागढ़ तहसील के बेरी चाहर स्थित गढ़ी कालिया निवासी सांसद राजकुमार चाहर लंबे समय से किसान मोर्चा से जुड़े हैं। वर्ष 1996-2000 तक वह इसके जिलाध्यक्ष रहे। वर्ष 2007-2009 तक मोर्चा में प्रदेश उपाध्यक्ष रहे। वर्तमान में किसान मोर्चा के प्रदेश महामंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इससे पहले वर्ष 1992-1996 तक भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष भी रहे। सांसद राजकुमार चाहर बीच में कुछ दिनों के लिए राष्ट्रीय लोकदल से भी जुड़े। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का आदर्श मानते हुए रालोद में रहते हुए उन्होंने किसान अांदोलन किए।

गुमराह कर रहा विपक्ष: चाहर

फोन पर हुई बातचीत में सांसद राजकुमार चाहर ने किसान मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने पर संगठन का आभार व्यक्त किया। साथ ही कहा कि किसानों को विपक्षी दल गुमराह कर रहे हैं लेकिन देश के किसानों को पीएम मोदी पर पूरा विश्वास है। यही वजह है कि विरोध करने वालों के चेहरे उजागर हो रहे हैं। किसान उनके साथ नहीं है। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही आगरा आएंगे। जल्द शुरू होगा आलू अनुसंधान केंद्र का काम सांसद ने कहा कि आगरा में आलू की काफी पैदावार होती है। इसी काे देखते हुए पिछले दिनों उन्होंने आगरा में आलू अनुसंधान केंद्र स्वीकृत कराया है। जल्द ही इसका काम भी शुरू हो जाएगा।


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