Move to Jagran APP

Pollution at Taj Mahal: गंभीर स्थिति ताजमहल पर 2019 से अधिक जम गए 2020 के सितंबर में धूल कण

Pollution at Taj Mahalकेंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट से सामने आई स्थिति। शहर में अन्य मानीटरिंग स्टेशनों पर भी बढ़े हैं धूल कण। एसओटू एनओटू पीएम2.5 पीएम10 और एसपीएम सभी की मात्रा पिछले वर्ष से अधिक रही है। पीएम2.5 और पीएम10 तो मानक से भी अधिक रहे।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 08:29 AM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 08:29 AM (IST)
Pollution at Taj Mahal: गंभीर स्थिति ताजमहल पर 2019 से अधिक जम गए 2020 के सितंबर में धूल कण
ताजमहल पर वर्ष 2020 के सितंबर में 2019 से अधिक धूल कण मिले हैं।

आगरा, जागरण संवाददाता। ताजमहल पर वर्ष 2020 के सितंबर में 2019 से अधिक धूल कण मिले हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट से यह स्थिति सामने आई है। एसओटू, एनओटू, पीएम2.5, पीएम10 और एसपीएम सभी की मात्रा पिछले वर्ष से अधिक रही है। पीएम2.5 और पीएम10 तो मानक से भी अधिक रहे। ताजमहल के समीप चल रहे निर्माण कार्यों में मानकों की अनदेखी को इसकी प्रमुख वजह माना जा रहा है।

loksabha election banner

सीपीसीबी द्वारा आगरा में चार मानीटरिंग स्टेशनों पर प्रतिदिन वायु प्रदूषण की स्थिति की मानीटरिंग की जाती है। इनमें ताजमहल, एत्माद्दौला, रामबाग और नुनिहाई हैं। मार्च में लाक डाउन होने पर इन स्टेशनों पर पिछले वर्ष की अपेक्षा वायु गुणवत्ता में सुधार देखने को मिला था। सितंबर (अनलाक-4) में प्रदूषक तत्वों की मात्रा सभी स्टेशनों पर पिछले वर्ष की अपेक्षा अधिक दर्ज की गई है। ताजमहल पर वायु प्रदूषण बढ़ने के लिए उसके आसपास स्मार्ट सिटी में किए जा रहे निर्माण कार्यों को जिम्मेदार माना जा रहा है। स्मार्ट सिटी में फतेहाबाद रोड पर किए जा रहे कार्यों में धूल उड़ने से रोकने के कोई इंतजाम नहीं किए जाने पर सीपीसीबी और उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने आगरा स्मार्ट सिटी लिमिटेड को नोटिस जारी किए थे।

सीपीसीबी के प्रभारी अधिकारी कमल कुमार ने बताया कि इस समय हवा में अति सूक्ष्म कणों की मात्रा मानक के कई गुना से अधिक चल रही है। इससे बचाव को तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है। सड़कों पर अतिक्रमण से जाम लग रहा है, उसे हटाया जाना चाहिए। सड़कों की सफाई मशीनों से की जाए, जिससे धूल नहीं उड़े। निर्माण स्थलों पर छिड़काव के साथ कर्टेन लगाए जाएं, जिससे कि धूल कण नहीं उड़ें।

यूपीपीसीबी ने बताया था स्मार्ट सिटी को जिम्मेदार

यूपीपीसीबी ने आगरा स्मार्ट सिटी लिमिटेड को दिए नोटिस में स्पष्ट किया था कि कंटीन्यूअस एंबिएंट एयर क्वालिटी मानीटरिंग स्टेशन के आंकड़ों के अनुसार पीएम2.5 की मात्रा में निरंतर वृद्धि हो रही है। 19 से 21 सितंबर तक वायु की दिशा दक्षिण-पूर्व परिलक्षित हुई थी, इसी दिशा में फतेहाबाद रोड पर स्मार्ट सिटी में काम किया जा रहा था।

यह रही स्थिति

वर्ष, एसओटू, एनओटू, पीएम2.5, पीएम10, एसपीएम

ताजमहल

2019, 4, 10, 25, 33, 67

2020, 5, 13, 51, 81, 173

एत्माद्दौला

2019, 5, 22, 37, 42, 107

2020, 5, 17, 39, 66, 156

रामबाग

2019, 5, 14, 35, 40, 96

2020, 5, 15, 46, 79, 184

नुनिहाई

2019, 4, 12, 41, 44, 132

2020, 5, 18, 65, 124, 296

फुल फार्म व मानक

एसओटू: सल्फर डाइ-आक्साइड: 20 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर

एनओटू: नाइट्रोजन डाइ-आक्साइड: 30 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर

पीएम2.5: अति सूक्ष्म कण: 40 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर

पीएम10: धूल कण: 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर

एसपीएम: श्वसनीय निलंबित कण।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.