स्मारकों का सच: बोगस फर्म से सप्लाई हुए थे स्मारक के पत्थर
एक कारोबारी ने आगरा और किशनगढ़ से भिजवाई थीं पत्थरों की कई खेपें। प्रदेश में गुरुवार को कई स्थानों पर ईडी के छापों से यहां मची रही खलबली।
आगरा, यशपाल चौहान। मायावती के शासनकाल में बनवाए गए स्मारकों के लिए पत्थरों की सप्लाई आगरा के कारोबारी ने भी की थी। इसके लिए उसने बोगस फर्म भी बनाईं। इनके जरिए ही आगरा और किशनगढ़ से पत्थर भिजवाए थे। गुरुवार को प्रदेश में प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी से यहां भी खलबली मची रही।
आगरा के एक पत्थर कारोबारी ने ये पत्थर वर्ष 2007 से 2011 के बीच लखनऊ और नोएडा भिजवाए थे। इसमें कुछ खेप अपनी फर्म के बिल पर भेजे थे। जबकि भारी मात्रा में पत्थर राजस्थान के किशनगढ़ की दूसरी फर्मों के बिल पर लखनऊ भेजे गए। इसके लिए कारोबारी ने कई बोगस फर्म बनाई थीं। सूत्र बताते हैं कि ये फर्म पत्थर की सप्लाई पूरी होने के बाद ही बंद हो गईं। इससे पहले भी ये अस्तित्व में भी नहीं थीं।
प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई को देखते हुए ताजगंज क्षेत्र के इस पत्थर कारोबारी तक भी ईडी की जांच पहुंच सकती है। ईडी इस मामले में उन बिंदुओं पर भी जांच कर रही है जिसमें पत्थरों के सप्लायर भी निशाने पर हैं। इसी आशंका के चलते गुरुवार को कारोबारी के प्रतिष्ठान पर हलचल रही। पुलिस भी भविष्य में होने वाली कार्रवाई को लेकर कारोबारी के प्रतिष्ठान पर गोपनीय तरीके से नजर बनाए है।
आवास के लिए भी सप्लाई किए थे पत्थर
इस कारोबारी ने मायावती के आवास के लिए भी पत्थरों की कई खेप भिजवाईं थीं। जानकार बताते हैं कि ये पत्थर गुणवत्ता और कीमत में बहुत बेजोड़ था।