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बैंकों में हड़ताल से लोग परेशान, 200 करोड़ का लेनदेन प्रभावित

निजीकरण के विरोध में 410 बैंक शाखाओं में लटके रहे ताले कर्मचारियों ने धरना देकर जताया विरोध आज भी रहेगी हड़ताल

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Mar 2021 08:30 PM (IST)Updated: Mon, 15 Mar 2021 08:30 PM (IST)
बैंकों में हड़ताल से लोग परेशान, 200 करोड़ का लेनदेन प्रभावित
बैंकों में हड़ताल से लोग परेशान, 200 करोड़ का लेनदेन प्रभावित

आगरा, जागरण संवाददाता। बैंकों के निजीकरण के विरोध में यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन और आल इंडिया नेशनलाइज्ड बैंक आफिसर्स फेडरेशन के आह्वान पर सोमवार को सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों में हड़ताल रही। जिले में 410 बैंक शाखाओं में तालाबंदी रही। तीन हजार से ज्यादा कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए। हड़ताल के चलते 200 करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित रहा। लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

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बैंक यूनियनों ने निजीकरण के विरोध में 15 व 16 मार्च को हड़ताल की घोषणा की थी। शनिवार और रविवार को अवकाश के चलते बैंक रहे। सोमवार को कर्मचारियों के हड़ताल पर रहने के कारण तीसरे दिन भी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के ताले नहीं खुले। ऐसे में जिन लोगों को बैंक से जुडे़ काम हैं, उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा। नेफ्ट, आरटीजीएस, लोन, चेक क्लियरिग आदि काम नहीं हो सके। सरकारी कामकाज भी प्रभावित रहा। हड़ताल के चलते करीब 200 करोड़ का लेनदेन प्रभावित रहा। मंगलवार को भी कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे, ऐसे में लोगों को अभी एक दिन और परेशानी उठानी पडे़गी। बुधवार को बैंक खुलने पर कामकाज होगा। 465 एटीएम खाली

दो दिन के अवकाश में अधिकांश एटीएम में नकदी खत्म हो गई थी। सोमवार को हड़ताल के चलते काम न होने के कारण सार्वजनिक बैंक के 465 एटीएम में नकदी नहीं डाली जा सकी। ऐसे में रुपये निकालने के लिए लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। देहात में लोगों को ज्यादा परेशानी हो रही है। वहां प्राइवेट बैंक के एटीएम न होने के कारण नकदी की ज्यादा किल्लत रही। सोमवार को प्राइवेट बैंक खुलने और उनके एटीएम में नकदी पहुंच जाने से जरूर लोगों को राहत मिली। धरना देकर जताया विरोध

निजीकरण के विरोध में बैंक यूनियनों ने धरना-प्रदर्शन कर विरोध जताया। आल इंडिया नेशनलाइज्ड बैंक आफिसर्स फेडरेशन ने केनरा बैंक के आवास विकास कालोनी स्थित अंचल कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया। बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। फेडरेशन के राज्य सदस्य अंकित सहगल ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण कर ग्राहकों की जमा पूंजी को औद्योगिक घरानों के हाथ में देने की तैयारी है। इसका पूरा विरोध किया जाएगा। धरने में सागर गुजराती, चमन कुमार आदि उपस्थित रहे। वहीं संजय प्लेस में यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन के बैनर तले बैंक कर्मचारियों ने एलआइसी परिसर में धरना दिया। एआइबीईए के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एमएम राय ने कहा कि 1969 में 21 दिन की हड़ताल कर बैंकों का राष्ट्रीयकरण कराया था, अब फिर से वही समय आ गया है। अब बैंकों का सार्वजनिक स्वरूप खतरे में है। यूपी बैंक इंप्लाइज यूनियन के संयुक्त मंत्री शैलेंद्र झा ने कहा कि सार्वजनिक बैंकों में जनता का धन जमा है, उस पर पूंजीपतियों की निगाह है, हम इसे लूटने नहीं देंगे। हड़ताल में पुनीत सक्सेना, वकील अली, सुरेश बाबू, मनीष शर्मा, विनोद यादव, विनय भटनागर, एमके चावला, पंकज शर्मा आदि शामिल रहे।


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