भीड़ ने पीट- पीटकर निकाला बदमाश का दम, बाबरिया गिरोह का नाम आया सामने
आधा दर्जन बदमाशों ने बोला था एटा के घर में धावा। ग्रामीणों ने एक बदमाश जिंदा दबोचा। बदमाशों ने महिला को गोली मारी
आगरा, जेएनएन। एटा के थाना मारहरा क्षेत्र के गांव गोपालपुर में ग्रामीणों ने एक बदमाश को पीट- पीटकर मार डाला तथा दूसरे बदमाश को जिंदा पकड़ लिया, मगर बदमाशों की गोली से एक महिला घायल हो गई। पकड़े गए बदमाश की ग्रामीणों ने जमकर पिटाई की। घायल बदमाश और महिला को जिला अस्पमाल लाया गया, जहां से उनकी हालत गंभीर देखते हुए उन्हें आगरा रेफर कर दिया है।
गांव गोपालपुर में आधा दर्जन बदमाशों ने सुरेश पुत्र लालाराम के घर पर डकैती डालने के उद्देश्य से धावा बोला। बदमाशों को देखते ही घर में चीख पुकार मच गई। शोर शराबा सुन ग्रामीण एकत्रित हो गए और उन्होंने घर को घेर लिया। इस दौरान ग्रामीणों ने दो बदमाशों 28 वर्षीय घनश्याम पुत्र वीरपाल निवासी नरई सहावर तथा 30 वर्षीय सतीश पुत्र राजवीर निवासी नगला मोहन सहावर को दबोच लिया। दोनों की जमकर पिटाई की, जिससे घनश्याम की मौत हो गई तथा सतीश घायल हो गया। इससे पहले बदमाशों ने आरती पत्नी विवेक को गोली मार दी, जो उसके पैर में लगी। सूचना मिलने पर एसएसपी आशीष तिवारी फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए और भागे हुए बदमाशों की तलाश में कांबिंग कराई, मगर बदमाश नहीं मिले। अपर पुलिस अधीक्षक संजय कुमार ने बताया कि घायल बदमाश और महिला को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से आगरा रेफर कर दिया गया। पुलिस बदमाशों के गिरोह के बारे में छानबीन कर रही है।
जेपी बाबरिया गैंग का सदस्य था मारा गया बदमाश
मारहरा क्षेत्र के गांव गोपालपुर में धाबा बोलने वाले बदमाशों का जेपी बाबरिया गिरोह से लिंक सामने आया है। गांव में चार बदमाश डकैती डालने पहुंचे थे। यह सभी बाबरिया गिरोह के साथ मिलकर लूटपाट करते थे। जेपी इनका सरगना है जिसके बारे में जानकारी मिली है कि वह इस समय जेल में है। इसी बाबरिया गैंग ने सकीट क्षेत्र के गांव नगला काजी में वर्ष 2017 में एक रिटायर्ड फौजी के घर डकैती डाली थी, जिसमें मां-बेटे की हत्या कर दी थी। हालांकि गोपालपुर में मारे गए बदमाश वीरपाल और पकड़े गए सतीश का नाम उसमें नहीं आया था।
पुलिस का कहना है कि घायल हुआ बदमाश सतीश सबसे ज्यादा शातिर है। उसने अपने गांव की ही महिला श्यामादेवी का वर्ष 2008 में अपहरण कर लिया था और परिजनों से फिरौती मांगी थी, लेकिन जब परिवार वालों ने पैसा देने से मना कर दिया तो महिला की हत्या कर दी थी। तभी से वह बाबरिया गिरोह के साथ मिलकर लूटपाट करने लगा। नगला काजी में 27 अक्टूबर 2017 को जेपी बाबरिया गिरोह ने डकैती डाली थी। इस वारदात में एक दर्जन से ज्यादा बदमाश शामिल थे, लेकिन पुलिस आधा दर्जन बदमाशों को ही जेल भेज सकी। उस वारदात में सतीश का नाम सामने नहीं आ पाया, इस वजह से वह बच निकला। बाद में सतीश ने लूट की कई वारदातों को अंजाम दिया, तो उसमें जेपी बाबरिया का भी नाम आया। दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भी भेजा। जबकि मारा गया बदमाश वीरपाल को गिरोह में शामिल हुए ज्यादा समय नहीं हुआ। उसके खिलाफ मात्र तीन मुकदमे ही दर्ज हैं, उसमें भी एक मामला लड़की को बहला-फुसलाकर भगाने का भी है। दोनों बदमाश वीरपाल और सतीश सहावर क्षेत्र के गांव नरई और नगला मोहन के रहने वाले हैं। सबसे ज्यादा वारदातें उन्होंने सहावर क्षेत्र में ही कीं।
फेरी लगाकर करते थे रेकी
बाबरिया गिरोह के बदमाश गांवों में फेरी लगाकर रेकी करते थे। दिन में टारगेट फिक्स कर रात को लूटपाट करना उनका पेशा है। पुलिस यह मान रही है कि शिक्षक सुरेश के गोपालपुर में बंद पड़े मकान की रेकी भी बदमाशों ने की। उन्हें अच्छी तरह पता था कि घर में कोई नहीं है इसलिए वे ताला तोड़कर दाखिल हुए। बदमाशों को सटीक जानकारी थी।