विधायक योगेंद्र उपाध्याय का कोर्ट में समर्पण, विशेष न्यायालय ने दिए रिहाई के आदेश Agra News
पांच मामलों में गैर जमानती वारंट जारी होने पर किया था सरेंडर। ढाई घंटे बाद बीस-बीस हजार के व्यक्तिगत बंध पत्र और अंडरटेकिंग पर हुई रिहाई।
आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा दक्षिण से भाजपा विधायक योगेंद्र उपाध्याय ने शनिवार को विशेष न्यायाधीश की कोर्ट में सरेंडर किया। उनके पांच मामलों में गैर जमानती वारंट जारी हुए थे। उनके साथ एक मामले में भाजपा के जिला महामंत्री प्रशांत पौनिया ने भी समर्पण किया। अदालत ने न्यायिक अभिरक्षा में लेने के बाद वारंट वापस कर दोनों को रिहा कर दिया।
विशेष न्यायाधीश एमपी, एमएलए कोर्ट उमाकांत जिंदल ने भाजपा विधायक योगेंद्र उपाध्याय के पांच मामलों में अदालत में पेश न होने पर गैर जमानती वारंट जारी किए थे। वहीं जिला महामंत्री प्रशांत पौनिया के एक मामले में गैर जमानती वारंट जारी हुए थे। शनिवार दोपहर 12 बजे विधायक और जिला महामंत्री कोर्ट पहुंच गए। उन्होंने अदालत में वारंट वापसी को प्रार्थना पत्र दिया। अदालत ने आधार पाते हुए 20-20 हजार रुपये के व्यक्तिगत बंध पत्र और अंडरटेकिंग पर रिहाई के आदेश दे दिए। विशेष न्यायाधीश ने यह भी आदेशित किया कि दोनों प्रत्येक नियत दिनांक को व्यक्तिगत रूप से या अपरिहार्य परिस्थितियों में अपने अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय में हाजिर होंगे। अदालत के आदेश के बाद दोपहर ढाई बजे भाजपा विधायक और जिला महामंत्री कोर्ट से बाहर निकले। उनकी अदालत में पैरवी अधिवक्ता सुनील कुमार शर्मा और रामेश्वर सिंह वर्मा व अन्य ने की।
इन पांच मामलों में किया समर्पण
- लोहामंडी थाने में 15 मई 2011 को लोहा कारोबारी स्व. राजेश अग्रवाल ने विधायक योगेंद्र उपाध्याय और प्रशांत पौनिया के खिलाफ बलवा, मारपीट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा लिखाया था। इसमें भाजपा के क्षेत्रीय संगठन मंत्री भवानी सिंह, अजय त्यागी और मुकुल भी नामजद थे।
- जीआरपी कैंट थाने में दो जनवरी 1993 में भाजपा विधायक योगेंद्र उपाध्याय के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। तत्कालीन केंद्रीय मंत्री माधव राव सिंधिया के शताब्दी एक्सप्रेस से आगरा कैंट रुकने पर भाजपा नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया था। इसमें ट्रेन में तोडफ़ोड़ भी हुई थी। मुकदमे में सांसद राजकुमार चाहर, हृदयनाथ सिंह, दीनानाथ अग्रवाल भी शामिल थे।
- थाना जीआरपी कैंट में 17 मार्च 2013 को बलवा और रेलवे एक्ट के तीन मुकदमे दर्ज हुए। मुकदमे में सांसद राम शंकर कठेरिया, विधायक योगेंद्र उपाध्याय समेत अन्य शामिल थे।