Murder Case in Hostel: पुलिस की लापरवाही की यह रिपोर्ट खोल रही सारी पोल Agra News
15 नवंबर को ही एफएसएल ने दी थी स्लाइड रिपोर्ट। डीएनए जांच को न भेजकर 17 दिन तक थाने में रखे रहे रिपोर्ट।
आगरा, यशपाल सिंह चौहान। मैनपुरी के छात्र हत्याकांड में छात्र से दुष्कर्म हुआ था। आगरा विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जांच में वैज्ञानिकों को स्लाइड में मेल स्पर्म मिले थे। उन्होंने 15 नवंबर को ही इसकी रिपोर्ट भी मैनपुरी पुलिस को दे दी थी, लेकिन संदिग्धों से डीएनए मैच कराने के बजाए पुलिस इसे दबाकर बैठी रही। रविवार को डीजीपी ओपी सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग कर केस का पोस्टमार्टम किया तो इसमें यह उजागर हो गया। इसके बाद ही एसपी मैनपुरी पर गाज गिरी।
मैनपुरी की छात्र अपने स्कूल के गल्र्स हॉस्टल में 16 सितंबर को मृत अवस्था में मिली। परिजनों ने इस मामले में विद्यालय की प्रिंसिपल, हॉस्टल वार्डन, एक छात्र व अन्य अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करा दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर पुलिस खुदकशी मान रही थी। दुष्कर्म की आशंका के चलते पुलिस ने पंचनामा के साथ जांच के लिए भी सीएमओ को पत्र लिखा था। पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक ने दुष्कर्म की जांच का स्लाइड बनाया था। यह जांच विधि विज्ञान प्रयोगशाला आगरा भेजा गया। फोरेंसिक वैज्ञानिकों ने 15 नवंबर को अपनी रिपोर्ट दी। इसमें स्पष्ट किया कि छात्र के स्लाइड में मेल स्पर्म पाए गए हैं। उन्होंने डीएनए जांच की सिफारिश की थी। इससे साफ है कि छात्र की मौत से पहले दुष्कर्म भी हुआ था। आगरा में डीएनए जांच नहीं होती है। जांच के लिए पुलिस को यह स्लाइड लखनऊ भेजनी थी।
मगर, विवेचक इंस्पेक्टर भोगांव इसे अपने पास रखे रहे। रविवार को डीजीपी ओपी सिंह ने केस से जुड़े अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की। इसमें तत्कालीन एसपी अजय शंकर राय, इंस्पेक्टर भोगांव पहुप सिंह, आइजी ए सतीश गणोश और विधि विज्ञान प्रयोगशाला के संयुक्त निदेशक डॉ. एके मित्तल, सीओ एसटीएफ श्यामकांत शामिल थे। डीजीपी ने एक-एक अधिकारी से बातकर विवेचना की समीक्षा की। विशेषज्ञों से बात की। इसमें मैनपुरी पुलिस द्वारा डीएनए जांच का स्लाइड न भेजे जाने की लापरवाही सामने आई। इसके बाद ही एसपी मैनपुरी को हटा दिया गया।