अकोला और अछनेरा में फूटीं माइनर, 60 बीघा फसल जलमग्न
सूचना के बाद भी नहीं पहुंचे अधिकारी-कर्मचारी किसानों ने खुद ही रोका पानी का बहाव
जागरण टीम, आगरा। ग्रामीण अंचल में सोमवार को दो स्थानों पर माइनर फूटने से किसानों की करीब 60 बीघा फसल जलमग्न हो गई। घंटों बाद नहर विभाग के अधिकारियों ने माइनर को बंद कराया। इसके बाद भी देर तक खेतों में पानी भरता रहा। प्रभावित किसानों ने नुकसान का आकलन कर मुआवजा देने की मांग की है।
अकोला: गढ़सानी माइनर ओवरफ्लो होने के कारण गामरी गांव में सोमवार सुबह फूट गई। किसानों को जब तक पता चला, तब तक उनके खेत लबालब हो चुके थे। उन्होंने नहर विभाग के अधिकारियों को सूचित कर पानी रुकवाया। इसके बाद मिट्टी भरे बोरों को लगाकर बहाव रोका गया। किसान रतन सिंह, नाहर सिह, उदयवीर सिह, हातिम सिह, सज्जन सिह, जयवीर सिह, बहादुर सिह ने बताया कि बेसहारा गोवंश फसलें उजाड़ रहे हैं। ऐसे में माइनर फूटने से उनकी आलू, सरसों और गेहूं की फसल को काफी नुकसान हुआ है। प्रशासन को मुआवजा देना चाहिए।
अछनेरा: बसैया राजपूत गांव में सोमवार तड़के पांच बजे मलिकपुर माइनर फूट गई। इससे करीब एक दर्जन किसानों की 30 बीघा फसल जलमग्न हो गई। ग्राम प्रधान जनक सिंह तोमर ने बताया कि सूचना के बाद भी नहर विभाग के अधिकारी-कर्मचारी नहीं पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों की मदद से मिट्टी के बोरे रखकर पानी का बहाव रोका। प्रभावित किसान लक्ष्मण सिंह, अशोक, नारायण सिंह, ललित कुमार, देवेंद्र सिंह, उदय सिंह, विष्णु, रमेश, कप्तान सिंह, राकेश सिंह, राजपाल आदि ने बताया कि पूर्व में भी इसी स्थान पर माइनर टूटी थी। इसकी शिकायत की गई लेकिन मिट्टी का रोका नहीं लगाया गया। इसके चलते सोमवार सुबह पुन: माइनर फूट गई और उनके सरसों व गेहूं के खेत जलमग्न हो गए। किसानों ने खुद जेसीबी मंगाकर रोका पानी
किसानों के खेतों में पानी भरने के बाद उन्होंने अधिकारियों को फोन किया लेकिन वह नहीं पहुंचे। ऐसे में उन्होंने खुद ही जेसीबी मंगाई और पानी को रोकना शुरू कर दिया। उन्होंने जेसीबी से मिट्टी का रोका लगाया, तब जाकर राहत मिली।