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Army Recruitment Rally: सैन्यकर्मी ही फर्जी दस्तावेजों से लगवा रहे थे सेना भर्ती में सेंध, अभ्यर्थी समेत तीन गिरफ्तार

Army Recruitment Rally सिकंदरा पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों से भर्ती होने की कोशिश करते अभ्यर्थी और दो दलाल दबोचे। दलालों से पूछताछ में तीन सैन्यकर्मियों के नाम भी प्रकाश में आए। सैन्यकर्मियों ने छह-छह लाख रुपये में भर्ती कराने का ठेका लिया था।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Fri, 05 Mar 2021 06:00 PM (IST)Updated: Fri, 05 Mar 2021 06:00 PM (IST)
Army Recruitment Rally: सैन्यकर्मी ही फर्जी दस्तावेजों से लगवा रहे थे सेना भर्ती में सेंध, अभ्यर्थी समेत तीन गिरफ्तार
सेना भर्ती रैली में दलालों से पूछताछ में तीन सैन्यकर्मियों के नाम भी प्रकाश में आए।

आगरा, जागरण संवाददाता। सैन्यकर्मी ही फर्जी दस्तावेजों से सेना भर्ती में सेंध लगा रहे थे। शुक्रवार को फर्जी दस्तावेजों से भर्ती होने की कोशिश करते एक अभ्यर्थी और दो दलालों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उनसे पूछताछ में तीन सैन्यकर्मियों का नाम प्रकाश में आया है। दलालों ने पुलिस को बताया कि सैन्यकर्मियों ने छह-छह लाख रुपये में भर्ती कराने का ठेका लिया था। पुलिस अब इन सैन्यकर्मियों की तलाश कर रही थी।

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इंस्पेक्टर सिकंदरा अरविंद कुमार ने बताया कि फर्जी दस्तावेजों से भर्ती होने की कोशिश में गिरफ्तार अभ्यर्थी का नाम अजीत कुमार निवासी ताड़पुर खादर, औरंगाबाद तहेरपुर बुलंदशहर है। गिरफ्तार दलालों के नाम रंजीत कुमार निवासी गांव नगरिया थाना डौकी आगरा और शशि कुरैशी निवासी मोहल्ला टोली थाना नौहझील मथुरा हैं। पूछताछ करने पर अजीत ने बताया कि वह उम्र ज्यादा हो जाने के कारण वह विपिन कुमार निवासी बरला अतरौली अलीगढ़ के प्रमाण पत्रों पर भर्ती देखने आया थे। शारीरिक परीक्षा पास करने के बाद मेडिकल में कुछ कमी के चलते उसे सेना अस्पताल रेफर किया गया था।

वहीं, दोनों दलालों रंजीत कुमार और शशि कुरैशी ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि वह लोग सैन्यकर्मियों योगेंद्र कुमार निवासी गांव नगरिया डौकी, विकास कुमार और सौरव कुमार के संपर्क में थे।तीनों सैन्यकर्मी हैं, विकास और सौरव का उन्हें पता नहीं मालूम कि वह कहां के रहने वाले हैं। तीनों ने अभ्यर्थियों को सेना में भर्ती कराने का ठेका लेते हैं। रंजीत और शशि ने बताया कि तीनों लोगों के लिए एजेंट की तरह काम करते थे।

वह सेना भर्ती में आने वाले युवकों से संपर्क करते थे। उन्हें सेना में भर्ती कराने के लिए पांच से छह लाख रुपये में ठेका लेते थे। सौदा तय होने के बाद अभ्यर्थी को वह लोग योगेंद्र, विकास और सौरव के पास लेकर जाते थे। इसके बाद फर्जी दस्तावेज तैयार कराके अभ्यर्थी को सेना भर्ती में भेजते थे। दोनों एजेंट को प्रत्येक अभ्यर्थी से मिलने वाली रकम में एक-एक लाख रुपये कमीशन मिलता था।

यह हुआ बरामद

तीन आधार कार्ड, एक मोबाइल, प्रवेश पत्र, पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, चरित्र व जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण, अविवाहित प्रमाण पत्र।

इन सवालों के जवाब तलाश रही पुलिस

-भर्ती में सेंध लगाने में तीन सैन्यकर्मियों के नाम सामने आए हैं, पुलिस ने इनकी जानकारी मिलेट्री इंटेलीजेंस को दे दी है।

-आरोपित योगेंद्र कुमार, विकास कुमार और सौरव कुमार तीनों सैन्यकमी कहां के रहने वाले हैं, वह किस पर तैनात हैं।

-रंजीत कुमार और शशि कुरैशी के अलावा भी तीनों सैन्यकर्मियों के कोई एजेंट थे या नहीं।

-आगरा में एक महीने से जारी सेना भर्ती में अभी तक किसी अभ्यर्थी को भर्ती कराया है कि नहीं। यदि भर्ती कराने में सफल रहे हैं तो उन अभ्यर्थियों के नाम-पते। 


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