Mid Day Meal: आगरा में मिड-डे-मील बना सिरदर्द, जेब से पैसा खर्च कर बनवा रहे शिक्षक
मिड डे मील योजना के अंतर्गत वर्तमान में प्राथमिक में 4.97 रुपये व उच्च प्राथमिक में 7.45 रुपये प्रतिछात्र कन्वर्जन कास्ट तय है। पिछले वर्ष से अब तक इसमें कोई वृद्धि नही की गई जबकि खाद्य सामग्री की कीमत लगातार बढ़ रही है।
आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को दिया जाने वाला मिड-डे-मील शिक्षकों के लिए सिरदर्द बन गया है। स्थिति यह है कि पिछले छह महीने से इसके लिए कन्वर्जन कास्ट तक नहीं मिली है। ऐसे में योजना संचालित करने की मजबूरी में शिक्षक इसे अपनी जेब से बनवाने को मजबूर है। प्रधानाध्यापकों का कहना है कि तीन से छह महीने का मिड-डे-मील जेब से धनराशि खर्च कर बनवाने के बाद विभाग स्कूलों के खातों में धनराशि भेजता है। वर्तमान में प्राथमिक में 4.97 रुपये व उच्च प्राथमिक में 7.45 रुपये प्रतिछात्र कन्वर्जन कास्ट तय है। पिछले वर्ष से अब तक इसमें कोई वृद्धि नही की गई, जबकि खाद्य सामग्री की कीमत लगातार बढ़ रही है। मार्च 2020 से फल वितरण के लिए भी कोई धनराशि विद्यालयों के खातों में नही भेजी गई। बावजूद इसके गुणवत्ता युक्त मिड-डे-मील विद्यार्थियों को परोसने का दबाव है। इन विषम परिस्थितियों में भी मिड डे मील योजना का संचालन कर पाना मुश्किल साबित हो रहा है। इस मामले में शासन को तुरंत प्रभावी कदम उठाने चाहिए।
एनजीओ को सौंपे जिम्मेदारी
यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) जिलाध्यक्ष केशव दीक्षित का कहना है कि मिड-डे-मील की व्यवस्था शिक्षकों से हटा कर अक्षय पात्र या अन्य किसी एनजीओ को दी जाए, जिससे शिक्षक अपने मूल कार्य पढ़ाई पर ध्यान लगा सकें। जिला महामंत्री राजीव वर्मा का कहना है कि महंगाई को देखते हुए कन्वर्जन कास्ट में वृद्धि की जाए, साथ ही विद्यालयों के खातों में पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई जाए।