Meet At Agra 2022: 2007 में हुई शुरुआत, ऐसे बढ़ा सफर, 1200 से पांच हजार करोड़ पहुंचा कारोबार
Meet At Agra 2022 रूस-यूक्रेन युद्ध से मंदी आई है और कई गतिरोध भी आ रहे हैं। कुछ क्षेत्र के लोगों की खरीद क्षमता प्रभावित हुई है तो उनकी प्राथमिकता भी बदली है। वहीं यूएस का वीजा मिलने में भी देरी हो रही है।
आगरा, जागरण संवाददाता। मीट एट आगरा की शुरुआत वर्ष 2007 में हुई थी। पहला फेयर होटल जेपी पैलेस में लगा था, जिसमें आगरा सहित चेन्नई, नोएडा के प्रदर्शकों ने प्रतिभाग किया था। इसके बाद वर्ष 2014 में विदेशी तकनीक से रूबरू होने का अवसर मिला अौर विदेशी प्रदर्शकों के स्टाल लगे। कलाकृति, तारघर मैदान से होता हुआ फेयर आगरा ट्रेड सेंटर पहुंच गया है। शुक्रवार को केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल शाम पांच बजे शुरुआत करेंगे।
गुणवत्ता में सुधार, तकनीक को धार देने को आया विचार
पहले मीट एट आगरा के फेयर के चेयरमैन पूरन डावर ने बताया कि उस समय एफमेक के अध्यक्ष एके राना थे। जूता कंपोनेंट पर बाहर की निर्भरता घटाने, उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार और स्थानीय तकनीक को धार देने के लिए मीट एट आगरा का आयोजन करने का विचार आया। इसमें उद्यमी सुनील मनचंदा, शाहरू मोहसिन सहित अन्य का योगदान रहा।
दिल्ली, चेन्नई में भी लगता है जूता फेयर
एफमेक पदाधिकारियों ने बताया कि आगरा के अलावा दिल्ली और चेन्नई में भी जूता फेयर का आयोजन होता है। चेन्नई का फेयर बड़ा है और ये 31 जनवरी से चार फरवरी तक हर वर्ष लगता है। दिल्ली में इस वर्ष आयोजन नहीं हो सका था। इसके साथ ही इटली, हांगकांग और चीन में इस तरह के फेयर होते हैं। इटली फेयर की तर्ज पर आगरा का फेयर लग रहा है। वहां 500 से एक हजार तक स्टाल लगते हैं। जल्द ही हम उससे बेहतर लगाएंगे।
20 हजार से अधिक आएंगे विजिटर्स
तीन दिवसीय आयोजन में 20 हजार से अधिक विजिटर्स के आने की संभावना है। इसमें जूता कारोबारी, कर्मचारी से लेकर उद्योग से जुड़े अन्य सम्मिलित हैं। कालेज के छात्र-छात्राओं को इंडस्ट्री एक्स्पोजर और उद्यमिता के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विजिट रखा गया है।
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1200 से पांच हजार करोड़ पहुंचा कारोबार
एफमेक अध्यक्ष पूरन डावर ने बताया कि कारोबार ने निरंतर प्रगति की है। अब हम जूता बनाने के साथ ही कंपोनेंट, मशीनरी आदि क्षेत्र में भी बेहतर काम कर रहे हैं। पहली मीट एट आगरा के समय हम 1200 करोड़ का कारोबार करते थे, जबकि अब पांच हजार करोड़ रुपये वार्षिक पहुंच चुका है। आगरा में पांच हजार छोटी, बड़ी जूता इकाईयां हैं।
इन देशों से आएंगे प्रदर्शक
भारत के विभिन्न राज्यों के साथ ही 45 देशों के प्रदर्शक तकनीक, उत्पादों से रूबरू कराने और अनुभव साझा करने आ रहे हैं। इसमें ब्राजील, अर्जेनटिना, स्पेन, जर्मनी, फ्रांस, ताइवान, चीन आदि सम्मिलित हैं।
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