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Potato Farming: सरकार को सताने लगी आलू राजा की सेहत की चिंता, अब सेटेलाइट से रखी जा रही नजर

14 दिसंबर को जारी की गई थी फसल में पिछैती झुलसा रोग लगने की एडवाइजरी। केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान मेरठ से रखी जा रही नजर। किसानों को मिल रहा फायदा। नवंबर दिसंबर में आलू का भाव 50 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया था।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 05:50 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 05:50 PM (IST)
Potato Farming: सरकार को सताने लगी आलू राजा की सेहत की चिंता, अब सेटेलाइट से रखी जा रही नजर
नवंबर दिसंबर में आलू का भाव 50 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया था।

आगरा, राजीव शर्मा। कोरोना काल में कीमत का रिकार्ड बनाने वाले आलू राजा अब सरकार के लिए भी खास हो गए हैं। यही वजह है कि उनकी सेहत की चिंता किसान के साथ साथ सरकार भी कर रही है। फसल की निगरानी के लिए केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान मेरठ सैटेलाइट की मदद ले रहा है। इसका फायदा भी किसानों को मिला है।

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पिछले साल नवंबर दिसंबर में आलू का भाव 50 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया था। जो अपने आप में एक रिकार्ड है। इससे किसानों और काेल्ड स्टोरेज संचालकों को काफी फायदा हुआ। इस साल भी अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद में किसानों ने आलू का रकबा बढ़ा दिया है। पिछले साल के 50 हजार 700 हैक्टेअर की तुलना में इस बार 55 हजार हैक्टेअर में आलू बाेया गया है। इसे कोई रोग न लगे और उत्पादन अच्छा हो इसके लिए किसान को फिक्रमंद हैं ही आलू अनुसंधान संस्थान सैटेलाइट से निगरानी कर रहा है। इसके जरिए 14 दिसंबर को जिले में आलू की फसल में पिछैती झुलसा रोग के लक्षण दिखाई देने पर फीरोजाबाद सहित पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया गया था। इसके अगले दिन ही जिला उद्यान विभाग ने किसानों के लिए इस रोग की रोकथाम और बचाव के लिए एडवाइजरी जारी कर दी। इसके बाद किसानों ने फसल में फफूंद नाशक दवा का पर्णी छिड़काव कर रोग फैलने से पहले ही उसकी रोकथाम कर ली।

पांच साल की गिरावट के बाद उछाल

वर्ष  बोवाई का रकबा

2015-16 - 6500020

16-17- 5300020

17-18- 5350020

18-19- 5350020

19-20- 5070020

20-21-55000

(बुवाई के आंकड़े हैक्टेअर में हैं।)

रोग फैलने से पहले ही इस बार उद्यान विभाग ने हमें आगाह कर दिया। इसलिए हमने भी समय रहते इंतजाम कर लिए। इसका फायदा हुआ। अभी तक हमारी आलू की फसल पूरी तरह सुरक्षित है।

-लाखन सिंह, गढ़ी हंसराम

विभाग की तरफ से जानकारी दी गई थी कि आलू में झुलसा रोग के लक्षण दिखाई दिए हैं। इसकी रोकथाम के लिए जो रसायन बताए गए थे। हमने अपने खेत में उसका छिड़काव किया। फसल अभी तक ठीक। उसमें कोई रोग नहीं है।

-संजय सिंह, नारखी

रोग के शुरूआती लक्षण नजर आते ही सैटेलाइट के जरिए इसका पता चलने पर किसानों को जागरूक कर दिया गया। समय से बचाव के उपाय होने से आलू में झुलसा रोग नहीं फैल सका। इसके बाद फीरोजाबाद में अब तक कोई रोग लगने की जानकारी नहीं आई है। पिछले दिनों सुल्तानपुर जिले को लेकर एडवाइजर जारी हुई है। -विनय कुमार यादव, जिला उद्यान अधिकारी, फीरोजाबाद  


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