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आज से इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगा मथुरा का मीडियम वेब प्रसारण

रविवार की रात से मीडियम वेब पर प्रसारण हो जाएगा बंद। मई तक एफएम की सीमा 60 किलोमीटर रेडियस होगा।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sun, 11 Nov 2018 06:04 PM (IST)Updated: Sun, 11 Nov 2018 06:04 PM (IST)
आज से इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगा मथुरा का मीडियम वेब प्रसारण
आज से इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगा मथुरा का मीडियम वेब प्रसारण

आगरा [योगेश जादौन]: करीब पांच दशक तक मथुरा संस्कृति का प्रसार और मनोरंजन कराने वाला मथुरा आकाशवाणी का मीडियम वेब पर प्रसारण इतिहास बन जाएगा। रविवार रात करीब 11 बजकर 10 मिनट से यह सेवा सदा के लिए बंद कर दी जाएगी। इसकी जगह मथुरा आकाशवाणी को एफएम के 102.2 पर लगातार सुना जाता रहेगा।

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मथुरा आकाशवाणी केंद्र की शुरूआत 27 जनवरी 1967 को मथुरा-वृंदावन रोड स्थित मौजूदा प्रसार भारती केंद्र में की गई थी। करीब 51 साल लगातार यह ब्रज संस्कृति, लोककला और यहां के कार्यक्रमों का प्रसारण करने के साथ मनोरंजन करता रहा। मीडियम वेब पर इसे 189.4 मीटर और 1584 किलोहट््र्ज पर सुना जाता था। रविवार की रात से अब मीडियम वेब पूरी तरह बंद होने जा रहा है। नवदुर्गा से शुरू किए गए एफएम बैंड की 102.2 फ्रीक्वेंसी पर इस केंद्र के समाचार सुने जाते रहेंगे। अभी एफएम की सीमा 25 किलोमीटर के दायरे में है। नए साल के मई तक इस सीमा के बढऩे की संभावना है। मथुरा आकाशवाणी के कार्यक्रम अधिशासी सत्यव्रत ङ्क्षसह ने बताया कि रविवार की रात 11 बजकर 10 मिनट से केंद्र पर लगे मीडियम वेब के टावर को हटाने का काम शुरू हो जाएगा। 15 नवंबर तक इसके हटाने का काम पूरा कर लिया जाएगा। इसके साथ ही इसके स्थान पर 100 मीटर का एफएम टावर लगाने का काम शुरू होगा। यह काम मई तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद मथुरा आकाशवाणी का एफएम बैंड पर प्रसारण 62 रेडियस में सुना जा सकेगा।

अब अधिक लोग लेंगे आनंद

कार्यक्रम अधिकारी सत्यव्रत सिंह का इस बाबत कहना है कि समय की मांग के मुताबिक यह जरूरी था कि मथुरा आकाशवाणी केंद्र का प्रसारण भी एफएम पर किया जाए। यह काम शुरू हो चुका है। मथुरा केंद्र के प्रसारण को अब अधिक लोग सुन सकेंगे।

एसएमएस और व्हाट््सअप सेवा

मथुरा केंद्र के आधुनिकीकरण के तहत अब फरमाइशों की सेवा को भी एसएमएस और व्हाट््सअप आधारित बनाया जा रहा है। दो दिन के बाद इन सेवाओं की शुरूआत कर दी जाएगी। इसके साथ ही केंद्र पर फरमाइशें पत्र के साथ ही एसएमएस और व्हाट््सअप पर भी भेजी जा सकेंगी।


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