माया ताे न आईं लेकिन पत्र भेज साझा की मन की बात
चुनाव आयोग द्वारा मायावती पर लगाई गई है 48 घंटे की रोक। आगरा में हो रही है गठबंधन की जनसभा।
आगरा, जागरण संवाददाता। चुनाव आयोग की रोक के बाद आगरा में हो रही गठबंधन की जनसभा में शामिल होने के लिए बसपा सुप्रीमों स्वयं तो नहीं आईं लेकिन अपने समर्थकों के लिए पत्र भेज दिया है। पांच पेज के पत्र में मायावती भाजपा पर जमकर बरसी हैं। उन्होंने चुनाव आयोग के फैसले पर भी सवाल उठाए हैं, जिसमें कहा है कि पार्टी अध्यक्ष पर आयोग की रोक बेमानी है।
मंगलवार को कोठी मीना बाजार में सपा, बसपा और रालोद गठबंधन की जनसभा पहले से ही प्रस्तावित थी। दलितों का गढ़ कहे जाने वाले आगरा में बसपा प्रमुख मायावती के आने को महत्पूर्ण माना जा रहा था लेकिन सोमवार दोपहर बाद आयोग द्वारा जारी आदेश में मायावती पर 48 घंटे के लिए प्रचार करने पर रोक लगा दी गई है। ऐसे में आगरा में जनसभा में अपना आना संभव न देख मायावती ने अपने समर्थकों के नाम पत्र भेजा है। उसमें आयोग और भाजपा की मिली भगत करार दिया है। लिखा है कि भाजपा पहले चरण के मतदान से इतनी अधिक भयभीत हो गई है कि अब आयोग का सहारा लेकर पाबंदी लगवा रही है। पत्र में अपनी सफाई देते हुए मायावती ने लिखा है कि देवबंद में भाजपा को हराने के लिए रिश्तेनातों एवं कांग्रेस में वोट ना बांटकर मुस्लिम समाज से गठबंधन को ही वोट देने की अपील ना तो धार्मिक आधार पर थी और न ही दोनों धर्मों के बीच नफरत फैलाने के लिए। बसपा सुप्रीमों ने अपने ऊपर लगी 48 घंटे की पाबंदी को जातिवाद का काम बताया है। कहा है कि योगी पर पाबंदी महज दिखावा मात्र है । फिलहाल जनसभा में सपा प्रमुख अखिलेश यादव और रालोद मुखिया अजीत सिंह का इंतजार हो रहा है। बता दें कि होटल क्लार्क्स शिराज में ठहरे अजीत सिंह ने पत्रकार वार्ता बुलाई थी लेकिन तबियत नासाज होने के कारण नहीं आ सके।