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26 साल बाद मुलायम मायावती ने मैनपुरी में मंच किया साझा

गठबंधन की जनसभा हो रही मैनपुरी के क्रिश्चियन मैदान में। एक साथ पहुंचे मायावती और मुलायम सिंह। सपा मुखिया अखिलेश यादव और रालोद अध्‍यक्ष अजित सिंह भी हैं सभा में।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Fri, 19 Apr 2019 01:24 PM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 01:24 PM (IST)
26 साल बाद मुलायम मायावती ने मैनपुरी में मंच किया साझा
26 साल बाद मुलायम मायावती ने मैनपुरी में मंच किया साझा

आगरा, जेएनएन। तमाम कयासों और पूर्वानुमानों को झुठलाते हुए शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के संरक्षक और बहुजन समाज पार्टी की अध्‍यक्ष मायावती ने मैनपुरी में मंच साझा किया। 1995 में लखनऊ के चर्चित गेस्‍ट हाउस कांड के बाद से शुरू हुआ अनबोला शुरुआती हिचक और झिझक के बाद 19 अप्रैल को 24 साल बाद खत्‍म होता नजर आया। जबकि 1993 के बाद दोनों नेता 26 साल बाद पहली बार एक साथ चुनावी मंच पर थे।

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अस्‍वस्‍थता के कारण राष्‍ट्रीय लोकदल के मुखिया अजित सिंह मंच पर मौजूद नहीं थे। हालांकि पहले मंच पर उनके लिए भी कुर्सी लगाई गई थी लेकिन बाद में सिर्फ तीन कुर्सियां बचीं और मायावती मुख्‍य अतिथि के तौर पर बीच में व दाहिनी तरफ अखिलेश व बायीं तरफ मुलायम सिंह यादव बैठे। मुलायम सिंह ने बेहद कम समय संबोधन किया। मुलायम सिंह पर उम्र का दबाव और अस्‍वस्‍थता साफ दिख रही थी। मंच पर मुलायम सिंह जब पहुंचे तो मायावती संकोच के साथ एक एक कदम आगे बढ़ाकर उनतक पहुंची और सपा संरक्षक को हाथ पकड़कर सहारा भी दिया। करीब खड़े होकर माया और मुलायम ने हाथ उठाकर सभा में मौजूद लोगों का अभिवादन किया। हालांकि मुलायम को मंच तक लाने और कुर्सी पर बैठाते समय अखिलेश सपा अध्‍यक्ष से अधिक बुजुर्ग पिता को सहारा देते नजर आये।

सबसे पहले मुलायम सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बहुत दिनों के बाद हम और मायावती एक मंच पर हैं। आपसे कहना चाहते हैं कि हमें भारी बहुमत से जिता देना। मेरे भाषण आप बहुत सुन चुके हैं। ज्‍यादा नहीं बोलूंगा। आज महिलाओं का शोषण हो रहा है। इसके लिए हमने लोकसभा में सवाल उठाए। संकल्‍प लिया गया कि महिलाओं का शोषण नहीं होने दिया जाएगा। मुलायम ज्‍यादा नहीं बोले और उनके स्‍वर बेहद कमजोर थे।
मुलायम के बाद संबोधन के लिए आयीं मायावती ने मंच की कमान संभाली। मायावती ने मंच से कई बार मुलायम सिंह के नाम के आगे 'श्री' लगाते हुए उनके लिए वोट मांगे। 1995 में हुए गेस्‍ट हाउस कांड का भी जिक्र किया। कहा, उस न भूलने वाले कांड के बाद भी हम साथ चुनाव लड़ रहे हैं। मुलायम के राजनीतिक कार्यों का उल्‍लेख करते हुए कहा उन्‍होंने समावादी पार्टी के बैनर तले सभी वर्गों को जोड़ा है। मोदी की तरह वे 'नकली' पिछडे़ वर्ग के नहीं है। अपने संबोधन में बार बार प्रधानमंत्री की जाति पर सवाल उठाते हुए उन्‍होंने मुलायम को ही पिछड़ों का सच्‍चा नेता बताया। कहा, नरेंद्र मोदी अगड़ी जाति के हैं और खुद को नकली पिछड़ा बताकर पिछले लोकसभा चुनाव में वोट हड़प लिये थे। ओबीसी के असली नेता मुलायम सिंह ही हैं। अपने भाषण के दौरान कई बार मोदी को नकली पिछड़े वर्ग का नेता बताया। नौकरियों में पिछड़े और दलित वर्ग के पद खाली होने की बात भी उठाई। मायावती ने जोर देकर कहा कि अखिलेश ही मुलायम सिंह के एकमात्र उत्‍तराधिकारी हैं। कहा कि मुलायम सिंह ने मैनपुरी का काफी विकास किया है। अब उम्र का तकाजा है, फिर भी वो आखिरी सांस तक मैनपुरी सीट के विकास के लिए लड़ रहे हैं। नरेंद्र मोदी की तरह नकली सेवक बनकर नहीं बल्कि असली सेवक के रूप में कार्य कर रहे हैं।
सबसे अंत में मंच पर बोलने आये अखिलेश यादव ने मुलायम की तरह ही बहुजन समाज पार्टी और इसकी राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष के सम्‍मान की बात दोहराई। मैनपुरी सीट से नेताजी को देश की सबसे बड़ी जीत दिलाने की अपील की। कहा कि मैनपुरी में यदि विकास किसी ने कराया है तो सिर्फ मुलायम सिंह और सपा ने। अखिलेश बोले कि देश के प्रधानमंत्री की चौकी छीननी है। गठबंधन कहता है कि देश में नया प्रधानमंत्री बनाना है। युवाओं के हाथों में ही इसकी कमान है। अखिलेश ने भी प्रधानमंत्री मोदी की जाति पर निशाना साधते हुए कहा कि वो कागज पर पिछड़े हैं और हम जन्‍म से पिछड़े हैं।
प्रदेश के राजनीतिक समीकरण बदलने के लिए सपा और बसपा ने लोकसभा चुनाव की घोषणा से पूर्व ही हाथ मिला लिया था लेकिन इस गठजोड़ से सपा संरक्षक मुलायम सिंह खुद को दूर रखे हुए थे। माना जा रहा था कि सपा संरक्षक इस गठबंधन से खुश नहीं हैं लेकिन शुक्रवार को मैनपुरी के क्रिश्चियन मैदान में ये सोच पीछे रह गई। जनसभा में सपा मुखिया अखिलेश यादव, मायावती के भाई आनंद, भतीजा आकाश आनंद और बसपा के राष्‍ट्रीय महासचिव सतीश मिश्रा भी हैं।

मोदी पर माया का जुबानी हमला
मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि मोदी ने अपने आप को नकली पिछड़े वर्ग का बताकर लाभ लिया। काले धन पर मोदी को घेरा कि अभी तक उसका क्‍या हुआ। कहा कि चाहे जातिवाद या धार्मिक भावनाएं भड़का कर जनता को बहकाएं लेकिन जनता अब उनके छलावे में आने वाली नहीं। इस चुनाव में भाजपा की हालत खराब हो जाएगी। मतदाताओं को आगाह किया कि इनके किसी भी बहकावे में न आएं।

कांग्रेस पर माया का निशाना
मायावती ने अपने संबोधन में कांग्रेस को भी आड़े हाथों लिया। कहा कि कांग्रेस ने अपने वादे पूरे नहीं किये। गरीबों का वोट पाने के लिए कांग्रेस पूरे देश में घूम रही है। कहा कि थोड़ी सी मदद से किसी का भला होने वाला नहीं है।

मुलायम ने समर्थकों से माया के भी पैर छुआए
मंच पर पहुंचने के बाद मायावती मुलायम का सहारा भी बनीं। यहां संबोधन के लिए मायावती मुलायम को सहारा देकर चलीं तो मुलायम ने अपने पांव छूकर आशीर्वाद लेने वाले समर्थकों को इशारा कर मायावती के भी पांव छूने के लिए कहा। इधर अपने संबोधन के समाप्‍त करने पर मायावती ने जय भीम, जय लोहिया और जय भारत के नारे लगाए।


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