लोस चुनाव से पूर्व शस्त्र लाइसेंस की न रखें उम्मीद, जानिये क्यों हो रही है देरी
42 थानों में चार हजार फाइलों की चल रही जांच। लाइसेंस जारी करना बढ़ा सकता है दिक्कत।
आगरा, अमित दीक्षित। हाईकोर्ट के आदेश पर शस्त्र लाइसेंस के आवेदनों की जांच प्रक्रिया कठिन हो गई है। जिस तरीके से जांच हो रही है, उसे देखकर लगता है कि लोकसभा चुनाव से पूर्व शायद ही शस्त्र लाइसेंस जारी हों। कारण, पुलिस-प्रशासन की जांच के बाद एक भी फाइल आयुध कार्यालय, कलक्ट्रेट नहीं पहुंची है।
हर्ष फायङ्क्षरग की घटनाओं के चलते इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वर्ष 2013 में शस्त्र लाइसेंस जारी करने पर रोक लगा दी थी। इसे नवंबर 2018 में हटाया गया। आयुध कार्यालय से बड़ी संख्या में फॉर्म बिके। लोगों ने जमा भी कराए। अभी तक एक भी फाइल की जांच पूरी नहीं हुई है। जांच प्रक्रिया जटिल होने के कारण इसमें समय लगेगा। वहीं प्रशासन ने लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। शहर में ईवीएम पहुंच चुकी हैं। मतदाता सूची को दुरुस्त किया जा रहा है।
वोटर हो सकता है प्रभावित
जिस तरीके से निर्वाचन का कार्य रफ्तार पकड़ रहा है, उसे देखकर लगता है कि आने वाले दिनों में आयोग शस्त्र लाइसेंस जारी करने पर रोक लगा सकता है। क्योंकि शस्त्र लाइसेंस के नाम पर वोटरों को प्रभावित करने से इन्कार नहीं किया जा सकता है। वहीं प्रतिदिन दर्जनभर से अधिक सिफारिशें अधिकारियों के पास पहुंच रही हैंं।
कलक्टे्रट में जुटती है भीड़
कलक्ट्रेट में हर दिन शस्त्र लाइसेंस की आस मेें भीड़ जुटती है। आयुध कार्यालय में फाइल पहुंचने की जानकारी ली जाती है।
फैक्ट फाइल
- जिले में 47 हजार शस्त्र लाइसेंसी हैं वर्तमान में।
- शहरी क्षेत्र में 22 हजार और देहात में 25 हजार लाइसेंस हैं।
- 6500 लोगों ने शस्त्र लाइसेंस के फॉर्म खरीदे हैं।
- चार हजार लोगों ने फॉर्म आयुध कार्यालय में जमा करा दिए हैं।
- फाइलों को संबंधित थानों में जांच के लिए भेज दिया गया है।
- थानों से एक भी फाइल पूरी होकर नहीं आई है।
शासनादेश पर होगा निर्णय
आवेदनों की जांच चल रही है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद शासनादेश के अनुसार निर्णय लिया जाएगा।
- एनजी रवि कुमार, डीएम