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    नकली सोने से बैंकों को तीन करोड़ की चपत, मथुरा में मास्‍टरमाइंड ने तीन महीने में चार बैंकों से लिया 36 बार गोल्ड लोन

    By Prateek GuptaEdited By:
    Updated: Fri, 01 Apr 2022 11:21 AM (IST)

    Mathura News मास्टरमाइंड ने बेटी के कारोबार में लगा दिए थे 20 लाख रुपये-फर्जी टंच का प्रमाण पत्र देने वाले ने खरीदी कार और मोटरसाइकिल। धीरे धीरे खुल रहीं जालसाजी के इस बड़े मामले की परतें। एक आरोपित ने 25 लाख रुपये की रकम से अपना बनवा लिया।

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    नकली जेवरातों से बैंकों से लोन लेने वाले रैकेट का खुलासा करती मथुरा पुलिस।

    आगरा, जागरण टीम। मथुरा शहर की चार बैंकों से तीन महीने में ही 36 बार गोल्ड लोन लिया। इस तरह कुल 2.80 करोड़ की चपत बैंकों को लगाई गई। गोल्ड लोन लेने से पहले मास्टरमाइंड से पहले इसकी प्रक्रिया असली सोना रखकर ली। पहले से सर्राफ का कार्य करने कारण मास्टरमाइंड ने अपने ही यहां नकली सोने के गहने तैयार किए और बैंकोें से एक के बाद एक गोल्ड लोन लेता गया। जिन लोगों के नाम पर आरोपित ने लोन लिया। उस धनराशि में भी उसने बंटवारा कर लिया था।

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    ये भी पढ़ें: नकली सोने के आभूषण गिरवी रख, बाप-बेटी लगा गए बैंकों को 2.80 करोड़ रुपये का चूना

    शांति मार्केट और चौक बाजार स्थित कैनरा बैंक के रीजन मैनेजर रामवंत सिंह ढीढसा ने 20 दिसंबर 2021 को कोतवाली में नकली सोना गिरवी रखकर गोल्ड लेने की रिपोर्ट दर्ज कराई। इसमें हेमेंद्र प्रकाश, राजेश अग्रवाल, श्रेया अग्रवाल, नरेंद्र और रंजना वर्मा को नामजद कराया गया। पुलिस ने जांच के बाद राजेश अग्रवाल को दबोच लिया। सीओ सिटी अभिषेक तिवारी ने बताया, पूछताछ में राजेश अग्रवाल ने पुलिस को बताया, पहले उसने असली सोना रखकर गोल्ड लोन की पूरी प्रक्रिया का समझा। उसके बाद उसने अपने यहां नकली सोने के गहने तैयार किए। बैंक के रखे गए सोने का जब आडिट तो पता चला उसने यहां से 21 गोल्ड लोन स्वीकृत कराए थे, जो अलग-अलग नाम से हुए।

    इन बैंकों से लिया लोन

    भारतीय स्टेट बैंक की डैंपियर नगर और गोविंद गंज शाखा से भी इसी तरह गोल्ड लोन लोन कराए गए। बैंक के अधिकृत देव टंच ज्वैलर्स सेठबाड़ा के नौकर धर्मेंद्र सोनी के साथ राजेश अग्रवाल ने साजिश रची थी। पूरे मामले की जांच की गई तो कुल मिलाकर फर्जी टंच का प्रमाण पत्र बनाकर उस पर विभिन्न बैंकों से 36 गोल्ड लोन तीन महीने के अंदर ही स्वीकृत करा लिए थे। जिन लोगों उसने गोल्ड लोन स्वीकृत कराए थे। उनसे भी कुछ धनराशि अपने खाते में ट्रांसफर करा ली थी। उसने धर्मेन्द्र उर्फ तोती को करीब 20 लाख रुपये दिए थे। इससे उसने आई-10 ग्रांड और एक अपाचे मोटरसाइकिल खरीद ली। शिशुपाल ने 25 लाख रुपये का मकान बनवा लिया। राजेश अग्रवाल ने करीब 20 लाख रुपये अपनी पुत्री श्रेया अग्रवाल के वुडन के आनलाइन कारोबार में लगा दिए।

    पर्दाफाश करने वाली टीम

    कोतवाल विजय कुमार सिंह, एसआई अवधेश पुरोहित, एसआई योगेश नागर, एसआई विजय कुमार, एसआई गुरुदास गौतम, एसआई सुभाष चंद।