गोवंश की 'पदमश्री मदर टेरेसा' पर ब्रजभूमि में हुई पुष्पों की बारिश
गोवंश की सेवा से जर्मन महिला को मिला पद्मश्री सम्मान। पद्मश्री लेकर पहुंची इरिन फ्रेडरिक ब्रूनिंग उर्फ सुदेवी का राधाकुंड में भव्य स्वागत।
आगरा, जेएनएन। गोवंश की 'मदर टेरेसा' इरिन फ्रेडरिक ब्रूनिंग उर्फ सुदेवी दिल्ली से पदमश्री सम्मान लेकर ब्रजभूमि लौटीं तो ब्रजवासियों ने पलक पांवड़े बिछा दिए। गोवर्धन स्थित राधाकुंड पहुंचने पर पुष्प वर्षा करते उनके गले में फूलों की माला पहना दी। ढोल की थाप पर झूमते लोग उन्हें सुरभि गोशाला तक छोड़ कर आए।
राष्ट्रपति के हाथों पद्मश्री सम्मान लेकर रविवार को राधाकुंड लौटीं इरिन फ्रेडरिक ब्रूनिंग उर्फ सुदेवी का भव्य स्वागत किया गया। राधाकुंड स्टैंड पर सुबह से ही खड़े लोग उनकी राह में पलकें बिछाए खड़े थे। दोपहर करीब 11:30 बजे जैसे ही राधाकुंड पहुंची तो स्थानीय लोगों ने राधारानी के जयकारे लगाने शुरू कर दिए। दुपट्टा और फूल मालाओं से उनका भव्य स्वागत किया। यहां से सभी लोगों ने ढोल बजाते हुए राधारानी की परिक्रमा लगाई और उनको सुरभी गोशाला तक छोड़ा। शनिवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने उन्हें सम्मान के साथ एक प्रशस्ति पत्र सौंपते हुए कांग्रेच्युलेशन कहा था।
वार्ता में सुदेवी ने बताया कि दिल्ली में जर्मन दूतावास में कार्यरत रहे पिता डैट्रिच ब्रूनिंग और मां ओजोला ब्रूनिंग के सहयोग से ही गोवंश सेवा की शुरुआत की थी। उनके द्वारा दी जाने वाली आर्थिक मदद से एक गाय से शुरू हुई सेवा आज सुरभी गोशाला का रूप ले चुकी है। जहां अब करीब 1800 गोवंश हैं, जिनमें से अधिकांश अपाहिज, नेत्रहीन और गंभीर रूप से बीमार हैं। उनके पास इससे ज्यादा गोवंश रखने की सामथ्र्य नहीं है। जल्दी वह इसका विस्तार करने की कोशिश करेंगी। स्वागत करने वालों में सुरेश जोशी, लालू पंडित, जगन्नाथ पंडित, गोविन्द रावत आदि तमाम लोग मौजूद थे।