2021 के काम अधूरे और शुरु हो गई 2031 की तैयारी, जानिए महायोजना 2021 का हाल Agra News
महायोजना-2021 पर अभी तक तीस फीसद ही हो सका है काम
आगरा, अमित दीक्षित। पहले महायोजना-2001 और अब 2021। इन दोनों महायोजना में बड़े-बड़े प्रस्तावों को शामिल किया गया। बैठकें हुईं और कार्यो को तेजी से पूरा करने के लिए कहा गया लेकिन अब तक महायोजना-2021 पर तीस फीसद काम हुआ है। जिस तरीके से वर्तमान महायोजना पर काम चल रहा है। उससे इसके पूरा होने के आसार कम हैं। हाल यह है कि सात जोन में से दो पर ध्यान दिया गया है। बाकी पांच पर कुछ काम नहीं हुआ है, जबकि महायोजना-2031 को बनाया जा रहा है। यह 18 माह में बनकर तैयार होगी।
पहली बार सेटेलाइट इमेज का प्रयोग
महायोजना-2031 को नेशनल रीमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी), हैदराबाद द्वारा सेटेलाइट इमेज से तैयार किया जाएगा। सेटेलाइट इमेज यानी जियोग्राफिक इनफॉरमेशन सिस्टम (जीआइएस) मै¨पग की जाएगी।
नहीं बना टीपी नगर द्वितीय
रुनकता क्षेत्र में दस हेक्टेअर पर टीपी नगर द्वितीय बनना था। दो हेक्टेअर जमीन का अधिग्रहण हो चुका है। 60 में से 20 किसानों की खतौनी में एडीए के नाम पर जमीन अंकित हो गई है लेकिन किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है।
धड़ल्ले से जोनल रोड पर निर्माण
एडीए की लापरवाही के चलते फतेहाबाद रोड हो या फिर शहर के अन्य रोड। धड़ल्ले से प्रस्तावित जोनल रोड पर निर्माण हो रहा है। इसकी शिकायतें एडीए अफसरों से हो रही हैं लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है।
सिर्फ जोनल पार्क का निर्माण
एडीए ने ताजनगरी में जोनल पार्क का निर्माण किया है। पार्क का बेहतर तरीके से रखरखाव नहीं किया जा रहा है।
इन पर नहीं हुआ काम
- थोक व्यावसायिक केंद्र विकसित करना
- व्यावसायिक केंद्र विकसित करना
- सामुदायिक सुविधाओं में बढ़ोतरी
- पौधशाला का निर्माण
- बाग
- सीवेज का निस्तारण
ये होना चाहिए
- जोनल रोड का निर्माण होना चाहिए
- प्रस्तावित पार्क बनने चाहिए
- बस अड्डे जल्द बनाए जाएं
- टीपी नगर द्वितीय को बसाया जाए
- सात जोन पर जो भी कार्य प्रस्तावित था, उसे कराया जाना चाहिए
कागजों से बाहर नहीं निकले बस अड्डे
शहर में आधा दर्जन बस अड्डे बनने थे। यह प्रस्ताव कागजों से बाहर नहीं निकला। पुराने बस अड्डों का सुंदरीकरण नहीं किया गया।
अवैध कॉलोनियों पर नहीं हुई कार्रवाई
महायोजना-2021 में अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई होनी थी। इससे अनियोजित विकास को बढ़ावा मिल रहा है। साथ ही जिस तरीके से संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। वह भी कम पड़ रहे हैं लेकिन एडीए ने 256 अवैध कॉलोनियों का सटीक डाटा नहीं है। कार्रवाई के नाम पर सिर्फ नोटिस देकर छोड़ दिया गया है।