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पुलवामा हमले की बरसी: कहरई की यादों में अमर हैं शहीद कौशल Agra News

सीआरपीएफ में नायक के पद पर थे कहरई के कौशल। शहीद दिवस पर गांव में होगा श्रद्धांजलि का कार्यक्रम।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Wed, 12 Feb 2020 02:24 PM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 06:43 AM (IST)
पुलवामा हमले की बरसी: कहरई की यादों में अमर हैं शहीद कौशल Agra News
पुलवामा हमले की बरसी: कहरई की यादों में अमर हैं शहीद कौशल Agra News

आगरा, यशपाल चौहान। पुलवामा हमले में साल भर पहले आगरा के कहरई गांव के जांबाज कौशल कुमार रावत शहीद हुए थे। उनकी शहादत पर परिवार ही नहीं पूरे गांव को गर्व है। अब शहादत का दिन आने वाला है। पूरा गांव शहीद की याद में खोया है। शहीद दिवस पर गांव में श्रद्धांजलि दी जाएगी।

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ताजगंज क्षेत्र के गांव कहरई निवासी 47 वर्षीय कौशल कुमार रावत सीआरपीएफ में नायक थे। वे 76 वीं बटालियन में तैनात थे। जम्मू से ट्रांसफर होकर पुलवामा हमले से कुछ दिन पहले ही जम्मू पहुंचे थे। 15 फरवरी, 2019 को उनके भाई कमल कुमार को फोन पर शहादत की सूचना मिली। पत्‍नी और बच्चे गुरुग्राम में रहते थे, उन्हें भी तभी पता चल गया। गांव में भी खबर फैलते देर नहीं लगी। दूसरे दिन शहीद की पार्थिव देह गांव पहुंची तो हर कोई शोकाकुल था। इससे पहले ही आसपास के हजारों लोग गांव पहुंच चुके थे। गांव के लोगों को एक तरफ शहादत पर गर्व था तो दूसरी ओर बेटे को खोने का दर्द भी। सभी में उबाल था कि हमले का बदला भी इसी अंदाज में लेना चाहिए।

परंपरा तोड़ अंतिम यात्रा में शामिल हुईं महिलाएं

शहीद की शहादत पर कहरई गांव की परंपराएं भी टूट गई। पूर्व में महिलाएं अंतिम यात्र में शामिल नहीं होती थीं। मगर, शहीद कौशल की अंतिम यात्र में गांव की महिलाएं भी शामिल हुईं। आज भी कौशल गांव के लोगों की यादों में हैं। पूरा गांव उनकी यादों से भरा है। गांव में 14 फरवरी को शहीद कौशल रावत को श्रद्धांजलि का कार्यक्रम होगा।

गुरुवार को गुरुग्राम से आएगा शहीद का परिवार

शहीद का परिवार अभी गुरुग्राम में रहता है। बेटे अभिषेक ने बताया कि वे श्रद्धांजलि कार्यक्रम के लिए गुरुवार को गांव में पहुंचेंगे।

पत्‍नी से फोन पर हुई थी अंतिम बार बात

15 दिन की छुट्टी बिताने के बाद 12 फरवरी, 2019 को वे गुरुग्राम से ड्यूटी पर गए थे। जम्मू पहुंचने के बाद उनके फोन ने काम करना बंद कर दिया। ऐसे में किसी साथी के फोन से उन्होंने पत्नी को रात करीब दस बजे फोन किया था। तब बताया कि मेरा फोन बंद हो गया है। 14 को सुबह पांच बजे पोस्टिंग के लिए जाना है। ड्यूटी पर पहुंचने के बाद नया सिम लेकर फोन करूंगा। इसके बाद फोन नहीं आया।

कौशल ने किया गर्व से सिर ऊंचा

कौशल की मां धन्नोदेवी है। उनकी प}ी ममता, बेटे अभिषेक रावत और बेटी अपूर्वा है। सभी का कहना है कि कौशल ने गर्व से सिर ऊंचा किया।

पिता का हो गया देहांत

शहीद के पिता गीताराम का 11 जनवरी को देहांत हो गया। मां धन्नो देवी व परिवार के अन्य लोग श्रद्धांजलि कार्यक्रम की तैयारी कर रहे हैं।

क्‍या कहते हैं जनप्रतिनिधि

पुलवामा के शहीद की समाधि पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने जाऊंगा। स्वजनों से भेंट कर संवेदना व्यक्त करूंगा और ग्रामीणों के साथ समय बिताया जाएगा। अगर शहीद का परिवार या ग्रामीण कोई विषय रखते हैं तो उस पर भी कार्य किया जाएगा।

राजकुमार चाहर, सांसद

शहादत को प्रणाम करने और परिवार के सम्मान में जाऊंगी। संवेदना व्यक्त कर गांव में परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताया जाएगा।

हेमलता दिवाकर, विधायक

अभी आदेश नहीं मिला

शासन के आदेश पर 14 फरवरी को कार्यक्रम कराया जाएगा। फिलहाल कोई आदेश नहीं मिला है।

प्रभु एन. सिंह, डीएम

 


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