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सिपाही देवेंद्र के पिता बोले, बेटे की आत्मा को अब मिली हाेगी शांति

शराब माफिया के पुलिस मुठभेड़ में ढेर होने पर बोले सिपाही देवेंद्र के पिता। बचे हुए आरोपितों को भी कानून के हिसाब से मिलेगी सजा पुलिस पर भरोसा। डौकी के नगला बिंदु निवासी महावीर सिंह का इकलौते बेटे देवेंद्र कासगंज के सिढ़पुरा थाने में तैनात थे।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 21 Feb 2021 05:25 PM (IST)Updated: Sun, 21 Feb 2021 05:25 PM (IST)
सिपाही देवेंद्र के पिता बोले, बेटे की आत्मा को अब मिली हाेगी शांति
रविवार सुबह मोती भी पुलिस मुठभेड़ में मारा गया।

आगरा, जागरण संवाददाता। कासगंज में शराब माफिया मोती के पुलिस मुठभेड़ में ढेर होने की खबर मिलते ही रविवार को सिपाही देवेंद्र सिंह के गांव में लोग खुश थे। सिपाही के पिता का कहना था कि अब उनके बेटे की आत्मा को शांति मिली होगी। उन्होंने कहा कि कानून और पुलिस पर उन्हें पूरा भरोसा है। बचे हुए अपराधियों को जरूर सजा मिलेगी।

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रविवार को देवेंद्र सिंह के घर आने वालों का तांता लगा था। डौकी के नगला बिंदु निवासी महावीर सिंह का इकलौते बेटे देवेंद्र कासगंज के सिढ़पुरा थाने में तैनात थे। नगला धीमर में शराब माफिया और उसके गुर्गों ने नौ फरवरी को उनकी हत्या कर दी थी।इस मामले में नगला धीमर निवासी मोती मुख्य आरोपित था। उसके भाई ऐलकार को पुलिस ने 10 फरवरी को मुठभेड़ में मार गिराया था। मोती तब से फरार चल रहा था। रविवार सुबह मोती भी पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। कांस्टेबल देवेंद्र के गांव नगला बिंदु में इंटरनेट मीडिया के माध्यम से सुबह ही जानकारी हो गई थी। गांव और आसपास के लोग उनके घर पहुंचने लगे। देवेंद्र की मौत का बदला लिए जाने से सभी खुश थे। इकलौते बेटे की हत्या के बाद मां गुड्डी देवी अभी सदमे में हैं। उनका कहना है कि जिन्होंने मेरे बेटे की जान ली, उनकी भी उसी तरह जान गई। इससे कलेजे को ठंडक मिली है। अभी बचे हुए अपराधियों को भी कानूनन सजा मिलनी चाहिए। देवेंद्र की पत्नी चंचल अभी बात करते-करते बेसुध हो जाती है। वह बस यही कहती है जिन्होंने मेरा सुहाग उजाड़ा, वे इस दुनिया से उठने चाहिए। पिता महावीर सिंह का कहना था कि उन्हें सरकार और पुलिस पर पूरा भरोसा है।बेटे की तेरहवीं से पहले ही बदला पूरा हो गया।इससे भरोसा और बढ़ गया है। दूसरे विभाग में नौकरी की मांग देवेंद्र के पिता महावीर सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिए जाने का आश्वासन दिया था। अभी देवेंद्र की दोनों बेटियां छोटी हैं। ऐसे में पत्नी की अगर पुलिस विभाग में नौकरी लगती है तो वह ठीक से नहीं कर पाएगी। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि शिक्षा विभाग या अन्य किसी विभाग में उनकी बहू को नौकरी मिल जाए तो उसका जीवन यापन हो सकेगा।


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