जा रहे थे नेजा चढ़ाने, रास्ते में हो गई अनहोनी, सात की मौत
मैनपुरी के दन्नाहार से नेजा चढ़ाने शिकोहाबाद बालाजी मंदिर आ रहे थे 13 परिवार। सड़क का गड्ढा बचाने के चक्कर में हादसा, कई गंभीर घायल, ग्रामीणों ने लगाया जाम।
आगरा, (संवाद सहयोगी): मांगी थी मन्नत। पूरी हुई तो परिवार और रिश्तेदारों के साथ नेजा चढ़ाने चल दिए। साथ में डीजे भी था। भजन और गीतों के दौर पर सभी में उल्लास था। तभी सड़क के बीचों-बीच बना गड्ढा ऐसी अनहोनी लेकर आया कि मौके पर ही पांच की मौत हो गई। जबकि दो बच्चियों ने उपचार के दौरान बाद में दम तोड़ दिया। कई अन्य गंभीर घायल हैं, उनकी हालत भी चिंताजनक बनी हुई है।
फीरोजाबाद के शिकोहाबाद के बालाजी दरबार में मंगलवार को नेजा चढ़ाने आ रहे मैनपुरी के ग्रामीण हादसे का शिकार हो गए। सड़क का गड्ढा बचाने के चक्कर में अनियंत्रित ट्रैक्टर-ट्रॉली सड़क किनारे गड्ढे में गिरकर पलट गई। एसडीएम के न पहुंचने पर ग्रामीणों ने जाम भी लगाया।
दन्नाहार थाना क्षेत्र के गांव नेकापुर निवासी राजबहादुर पुत्र रामेश्वर सिंंह मन्नत पूरी होने पर शिकोहाबाद बालाजी मंदिर में नेजा चढ़ाने जा रहे थे। रिश्तेदारों और ग्रामीणों को मिलाकर 13 परिवार के लगभग चार दर्जन सदस्य ट्रॉली में सवार थे। साथ चल रही मैक्स में डीजे लगा था। शाम लगभग पांच बजे घिरोर-जसराना मार्ग पर ग्राम नगला अमर सिंंह के पास सड़क के गड्ढे से बचने के ट्रैक्टर चालक ने अचानक स्टियिरिंग घुमाई। इसके बाद अनियंत्रित होकर ट्रैक्टर सड़क किनारे गड्ढे में गिरकर पलट गया। गड्ढे में पानी भी भरा था। आसपास के ग्रामीणों ने ट्रॉली में दबे लोगों को निकाला। सूचना पर नायब तहसीलदार राजेश यादव, इंस्पेक्टर रनवीर सिंह पहुुंचे। एसडीएम के न पहुंचने पर आक्रोशित ग्रामीणों ने रास्ता जाम कर दिया। हंगामा होते देख एसपी ग्रामीण महेंद्र सिंंह अधिकारियों के साथ पहुंचे। लगभग एक घंटे बाद स्थिति संभली। मृतकों के शव व घायल फीरोजाबाद भेजे गए। पुलिस के मुताबिक मौके पर उपेंद्र (17) पुत्र राजबहादुर, धनपाल (50) पुत्र कनौजी लाल, अजय पाल (15) पुत्र रामवीर तीनों निवासी नेकापुर, पलक (12) पुत्री दीपचंद्र, मयंक (8) पुत्र दीपचंद निवासी असौली मैनपुरी की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि छह वर्ष की बच्ची मुस्कान और आठ वर्ष की भारती नेे सैफई मिनी पीजीआइ में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। घायलों को फीरोजाबाद ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है। यहां से बाद में गंभीर घायलों को सैफई भेजा गया।
जिसके लिए मांगी थी मन्नत, वह चिराग भी बुझा
जिस बच्चे उपेंद्र के लिए पिता राज बहादुर ने मन्नत मांगी थी। पूरी होने पर ही यह आयोजन किया गया था। रास्ते में सारी खुशियां उस समय दम तोड़ गईं, जब हादसे में घर का चिराग उपेंद्र ही बुझ गया। पूरे गांव में मातम का माहौल है।